मीरा-भायंदर भूमि घोटाला: पाकिस्तानी बॉन्ड के जरिए शत्रु संपत्ति के रिकॉर्ड में हेरफेर का आरोप

मीरा-भायंदर भूमि घोटाला: पाकिस्तानी बॉन्ड के जरिए शत्रु संपत्ति के रिकॉर्ड में हेरफेर का आरोप

मीरा-भायंदर, महाराष्ट्र: मीरा-भायंदर में शत्रु संपत्तियों से जुड़े घोटाले का मुद्दा फिर से गरमाया है। शिवसेना (UBT) के विधान परिषद सदस्य (MLC) अंबादास दानवे ने विधान परिषद सत्र के दौरान चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने दावा किया कि मीरा रोड स्थित शत्रु संपत्ति को पाकिस्तानी बॉन्ड के आधार पर 7/12 दस्तावेजों में शामिल किया गया है।

शत्रु संपत्ति घोटाले की जांच की मांग

दानवे ने मामले की गहराई से जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय बिल्डर राजू शाह, जिन्होंने इस घोटाले का खुलासा किया था, को कराची (पाकिस्तान) के एक मोबाइल नंबर से धमकी भरे कॉल और व्हाट्सएप संदेश मिल रहे हैं। शाह पहले ही चार बिल्डरों के खिलाफ काशी और घोड़बंदर गांवों में जमीन हड़पने की शिकायत कर चुके हैं। उन्होंने जोन-1 के डीसीपी प्रकाश गायकवाड़ से सुरक्षा की मांग की है।

शत्रु संपत्ति पर सरकार का रुख

मीरा-भायंदर नगर निगम (MBMC) ने 2022 में राज्य सरकार के शहरी विकास विभाग (UDD) से शत्रु संपत्तियों पर कार्रवाई को लेकर निर्देश मांगे थे। दिसंबर 2021 में केंद्र सरकार ने ठाणे जिले के कलेक्टर को इन संपत्तियों की बिक्री या पंजीकरण पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे।

बड़े बिल्डरों की नजर शत्रु संपत्ति पर

घोड़बंदर, महाजनवाड़ी और काशी समेत कई इलाकों की जमीनें शत्रु संपत्ति के तहत जांच के दायरे में हैं। कुछ बड़े बिल्डर इन जमीनों पर करोड़ों रुपये की परियोजनाएं शुरू करने की योजना बना रहे हैं। शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 और शत्रु संपत्ति नियम, 2015 के तहत ऐसी संपत्तियों का हस्तांतरण प्रतिबंधित है।

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