दादर कबूतरखाना पर हंगामा: जैन समाज का विरोध, BMC के कवर को फाड़कर दाना स्थल खोला गया

मुंबई : मुंबई के दादर स्थित ऐतिहासिक कबूतरखाना पर बुधवार सुबह उस समय तनाव फैल गया जब जैन समाज के सैकड़ों लोगों की भीड़ वहां जमा हो गई। यह विरोध प्रदर्शन बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) द्वारा कबूतरों को दाना डालने पर लगाई गई रोक और कबूतरखानों को ढकने के खिलाफ था।
स्थिति उस समय बेकाबू हो गई जब प्रदर्शनकारियों ने BMC द्वारा लगाए गए प्लास्टिक कवर को फाड़ दिया और जबरन कबूतरों को दाना डालना शुरू कर दिया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने में अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। यह घटनाक्रम उस बयान के अगले ही दिन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दाना डालने पर आंशिक छूट देने की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, "कबूतरों की जान बचाना, पर्यावरण की सुरक्षा और नागरिकों का स्वास्थ्य—तीनों अहम हैं।" उन्होंने बीएमसी को निर्देश दिया कि कबूतरों के मल से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर वैज्ञानिक अध्ययन कराया जाए और एक संतुलित नीति तैयार की जाए ताकि जनस्वास्थ्य और पशु कल्याण के बीच संतुलन बना रहे।
CM के हस्तक्षेप के बाद BMC को नियंत्रित तरीके से दाना डालने की अनुमति देने का निर्देश मिला था। साथ ही, अन्य वैकल्पिक स्थानों की पहचान कर वहां कबूतरों को दाना डालने की व्यवस्था करने को भी कहा गया। वहीं, बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी ने स्पष्ट किया कि कोर्ट के निर्देशों के अनुसार कुछ पाबंदियाँ जारी रहेंगी, लेकिन कबूतरों के लिए पानी की व्यवस्था की जाएगी और वैकल्पिक समाधान पर काम किया जाएगा।
जैन समुदाय के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कबूतर feeding पर लगाए गए प्रतिबंध को ‘अमानवीय’ बताया है। उनका आरोप है कि BMC की कार्रवाई के चलते कई कबूतर भूख से मर गए हैं। कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि कबूतरों से फेफड़ों की बीमारी फैलने के दावों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
इस बीच, BMC ने जुलाई 13 से अगस्त 3 के बीच कबूतरों को दाना डालने के मामले में 142 लोगों पर कार्रवाई की है और ₹68,700 का जुर्माना वसूला है।
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