मुंबई, 24 अगस्त: मुंबई ग्रेन डीलर्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल को एक प्रतिनिधि पत्र भेजकर जी.एस.टी. प्रणाली में व्यापक सुधार की मांग की है। एसोसिएशन ने वर्तमान जी.एस.टी. प्रावधानों को आम जनता और छोटे व्यापारियों के लिए बोझिल बताते हुए कुछ अहम सुझाव सरकार के समक्ष रखे हैं। संस्था ने कहा कि 25 किलोग्राम तक की पैकिंग वाले ब्रांडेड अनाज, दालें और किराना सामान पर जी.एस.टी. लागू होने से मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों के लिए इन आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं। यदि इन वस्तुओं को कर से मुक्त किया जाए तो न केवल उपभोक्ता लाभान्वित होंगे, बल्कि अधिक लोगों तक गुणवत्तापूर्ण पोषण पहुंच सकेगा। उन्होंने छोटे खुदरा व्यापारियों के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता को भी चुनौतीपूर्ण बताया और मांग की कि ₹2 करोड़ तक के वार्षिक टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए एक स्थिर 0.5% जी.एस.टी. दर लागू की जाए, जिससे अनुपालन सरल हो और अर्थव्यवस्था का औपचारिकरण बढ़े।
संगठन ने यह भी कहा कि साबूदाना, मूंगफली, सूखे मेवे, चश्मे, बीमा प्रीमियम और अन्य आवश्यक वस्तुएँ विलासिता नहीं, बल्कि जीवन के लिए जरूरी हैं। इन पर कर कम या पूरी तरह से समाप्त किया जाना चाहिए ताकि गरीब और मध्यमवर्गीय लोग भी इनका लाभ उठा सकें। उन्होंने धर्मशालाओं, आरोग्यधामों और अन्य चैरिटेबल संस्थाओं पर लगाए जा रहे कर को अनुचित बताते हुए करमुक्त करने की मांग की, ताकि यात्रा के दौरान जरूरतमंद वर्गों को सस्ती सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। एकीकृत टैक्स व्यवस्था की वकालत करते हुए एसोसिएशन ने "वन नेशन, वन विंडो, वन टैक्स" प्रणाली को लागू करने की अपील की, जिससे भुगतान, रिटर्न, नोटिस और अपील की सारी प्रक्रियाएं एक ही पोर्टल पर संपन्न हो सकें और पारदर्शिता के साथ-साथ कार्यकुशलता भी बढ़े। संस्था का कहना है कि उनके ये सभी सुझाव न केवल आम जनजीवन को सुलभ और किफायती बनाने में मदद करेंगे, बल्कि सरकार की कर आय में भी वृद्धि करेंगे। एसोसिएशन ने सरकार से अनुरोध किया है कि इन मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर आवश्यक कदम उठाए जाएं।