मुंबई में नाले की सफाई घोटाला उजागर: फर्जी लॉग शीट्स और वीडियो सबूत के साथ ईओडब्ल्यू ने शुरू की जांच

मुंबई में नाले की सफाई घोटाला उजागर: फर्जी लॉग शीट्स और वीडियो सबूत के साथ ईओडब्ल्यू ने शुरू की जांच

मुंबई, 21 जुलाई: मुंबई में भारी बारिश के बीच नाले की सफाई को लेकर एक बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला सामने आया है। इस मामले में फर्जी लॉग शीट्स और वीडियो सबूत सामने आए हैं, जिसके आधार पर आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने जांच शुरू कर दी है।

इस घोटाले का खुलासा एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए हुआ, जिसमें पाया गया कि सफाई के नाम पर निर्माण सामग्री को 'कचरा' दिखाकर लॉग शीट्स में गलत जानकारी दर्ज की गई। शिकायतकर्ता गणेश गाडगे ने एक पेन ड्राइव में ये सबूत जमा किए हैं, जिसमें दिखाया गया है कि ‘ब्लैक गुड्स’ यानी निर्माण सामग्री को नाले की सफाई का कचरा बताया गया। इसके अलावा, ठेकेदार का एक सहयोगी कथित तौर पर नगर निगम अधिकारियों की पहचान का दुरुपयोग कर रहा था और फर्जी दस्तावेजों पर अधिकारियों के हस्ताक्षर करवाए जा रहे थे।

जांच में यह भी सामने आया कि एस वॉर्ड के 14 जूनियर इंजीनियरों के मोबाइल डिवाइस और कचरा डंपिंग साइट्स पर लगे तौल कांटे भी इस घोटाले से जुड़े हुए हैं। नगर आयुक्त भूषण गगरानी द्वारा गठित जांच समिति ने प्रारंभिक तौर पर सिर्फ तीन इंजीनियरों को दोषी ठहराया है और ठेकेदार भूपेन्द्र पुरोहित को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि अन्य अधिकारियों की भूमिका अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है।

गाडगे का दावा है कि एस वॉर्ड में उजागर हुई यह गड़बड़ी पूरे मुंबई में फैली हो सकती है। उन्होंने मुंबई पुलिस और ईओडब्ल्यू को रिकॉर्डिंग्स, दस्तावेज और अन्य सबूत सौंपे हैं। उल्लेखनीय है कि ईओडब्ल्यू पहले से ही मीठी नदी घोटाले की जांच कर रही है और अब इस मामले को भी अपनी जांच में शामिल कर लिया गया है।

इस घोटाले ने मुंबई की भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर उस समय जब शहर बारिश के कारण जलभराव, ट्रैफिक जाम और ट्रेन देरी जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। अब यह देखना अहम होगा कि जांच एजेंसियां इस पूरे मामले की तह तक जाकर दोषियों को सज़ा दिला पाती हैं या नहीं।

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