मुंबई में हाउसिंग री-डेवलपमेंट: ₹3 लाख करोड़ का अवसर, लेकिन चुनौतियों से घिरा

मुंबई में हाउसिंग री-डेवलपमेंट: ₹3 लाख करोड़ का अवसर, लेकिन चुनौतियों से घिरा

मुंबई, भारत: मुंबई में रीडेवलपमेंट रियल एस्टेट सेक्टर का मुख्य स्त्रोत बन गया है, लेकिन जमीनी हकीकत उम्मीदों से मेल नहीं खा रही। लगभग 700 डिफिनिटिव समझौतों में से केवल 10% से कम प्रोजेक्ट 1 एकड़ से बड़े भूखंडों पर हैं, जिससे डेवलपर्स के लिए फ्री-सेल कंपोनेंट सीमित हो जाता है।

चुनौतियां:

  • छोटे भूखंड: बांद्रा, जुहू और वर्सोवा जैसी जगहों में संपत्ति धारकों की उच्च मांगों के कारण डेवलपर्स के लिए लाभ की गुंजाइश घट जाती है।

  • लंबी अवधि: रीडेवलपमेंट प्रक्रिया 6-8 साल या उससे अधिक समय ले सकती है, जिसमें कानूनी अड़चनें और समाज के सदस्यों की आपत्तियां शामिल हैं।

  • रियल एस्टेट बाजार का उतार-चढ़ाव: अगर बाजार मंदी में चला गया, तो कई छोटे डेवलपर्स प्रोजेक्ट छोड़ सकते हैं या बेच सकते हैं।

रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि मुंबई में रीडेवलपमेंट ₹3 लाख करोड़ का अवसर है, लेकिन इसमें लंबी कानूनी प्रक्रिया और बाजार की अनिश्चितता जैसी चुनौतियाँ हैं। बड़े और प्रतिष्ठित डेवलपर्स इसे पूरा कर सकते हैं, लेकिन छोटे डेवलपर्स के लिए यह जोखिम भरा साबित हो सकता है।

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