वर्ली हिट अँड रन केस : आरोपी को मानव जीवन का कोई सम्मान नहीं है। - बॉम्बे हाई कोर्ट

वर्ली हिट अँड रन केस : आरोपी को मानव जीवन का कोई सम्मान नहीं है। - बॉम्बे हाई कोर्ट

मुंबई - वर्ली हादसे से जुड़े मामले में शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) नेता के बेटे मिहीर शाह को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने मिहीर शाह की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपी को मानव जीवन की कोई परवाह नहीं है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि कानून के अनुसार गिरफ्तारी के कारण बताना अनिवार्य है, लेकिन इस मामले में यह नियम लागू नहीं होता। आरोपी अपने गंभीर कृत्य और उसके परिणामों से भलीभांति परिचित था। इसी आधार पर कोर्ट ने मिहीर शाह और उनके चालक राजऋषि बिडावत को कोई राहत देने से इनकार कर दिया।

सीसीटीवी फुटेज से खुलासा

न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजुषा देशपांडे की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि हादसे के समय मिहीर गाड़ी चला रहा था। यह तथ्य सीसीटीवी फुटेज से प्रमाणित हुआ है। कोर्ट ने मिहीर और बिडावत की गिरफ्तारी को पूरी तरह से कानूनी ठहराया और कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं है। दोनों आरोपियों ने दावा किया था कि उन्हें गिरफ्तारी के समय कारण नहीं बताए गए थे और इसे अवैध घोषित कर तुरंत जमानत देने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने इस दलील को ठुकरा दिया।

गंभीर अपराध में बचाव अस्वीकार्य

कोर्ट ने कहा कि इतने गंभीर अपराध में, जहां दोनों आरोपी घटना के समय गाड़ी में मौजूद थे और मिहीर गाड़ी चला रहा था, गिरफ्तारी के कारण न बताए जाने का तर्क अस्वीकार्य है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मृतक महिला के परिवार को हुए अपूरणीय नुकसान को ध्यान में रखे बिना केवल आरोपी के अधिकारों पर विचार नहीं किया जा सकता।

शराब और साजिश का पर्दाफाश

घटना के समय दोनों आरोपियों ने शराब पी रखी थी। मिहीर लापरवाही से तेज रफ्तार में गाड़ी चला रहा था, जबकि उसका चालक बिडावत पास में बैठा था। हादसे के बाद दोनों ने गाड़ी में अपनी-अपनी सीट बदल लीं, यह तथ्य सीसीटीवी फुटेज और गवाहों की गवाही से स्पष्ट हो चुका है। इन सभी तथ्यों के आधार पर अदालत ने मिहीर शाह की गिरफ्तारी को वैध करार देते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी।

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