वसई नकली दवाइयों के मामले में दो आरोपी नागपुर जेल से गिरफ्तार, पुलिस को मिले अहम सुराग

वसई, 19 जुलाई 2025 : वसई के वालिव पुलिस को नकली दवाइयों के बड़े रैकेट की जांच में एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। पुलिस ने नागपुर जेल में बंद दो आरोपियों को गिरफ्तार कर वसई लाकर पूछताछ शुरू कर दी है। यह मामला उस समय सामने आया था जब वसई-विरार शहर महानगरपालिका (VVCMC) को आपूर्ति की गई 70,000 स्ट्रिप्स एंटीबायोटिक 'सेफिक्ज़िम 200mg' को नकली पाया गया था।
22 जनवरी को फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) द्वारा वसई (पूर्व) के वालिव स्थित मदर एंड चाइल्ड केयर सेंटर से सेफिक्ज़िम 200mg के 10 रैंडम सैंपल लिए गए थे। VVCMC अधिकारियों की उपस्थिति में की गई इस कार्रवाई में सामने आया कि दवाइयां नकली थीं। इसके बाद वालिव पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से विजय चौधरी नागपुर जेल में बंद था, जिसे 4 जुलाई को वसई लाकर पुलिस हिरासत में भेजा गया। पूछताछ में उसने बताया कि वह एक दवा एजेंसी का मालिक है और उसने यह एंटीबायोटिक रॉबिन तनेजा नामक व्यक्ति से खरीदी थी, जो स्वयं को एक दवा एजेंसी का मालिक बताता है।
रॉबिन तनेजा भी नागपुर जेल में बंद था। वालिव पुलिस ने उसे 14 जुलाई को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड में लिया और 19 जुलाई को अदालत में पेश किया।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इन दोनों आरोपियों पर महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में नकली दवाइयों के एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। फिलहाल पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि नकली दवाओं का यह जाल कहां-कहां फैला है और इसके पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं।
वालिव पुलिस इस रैकेट को जड़ से खत्म करने के लिए विस्तृत जांच कर रही है। इस मामले में और भी गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
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