गणेशोत्सव 2025: पर्यावरण-संवेदनशील उत्सव की अपील, बीएमसी ने जारी की विसर्जन के लिए दिशानिर्देश

मुंबई, 13 अगस्त 2025 : आगामी गणेश चतुर्थी के अवसर पर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने मुंबईकरों से अपील की है कि वे इस पर्व को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मनाएं। बीएमसी ने विसर्जन प्रक्रिया और गणेशोत्सव के आयोजन से जुड़ी कुछ अहम गाइडलाइन्स भी जारी की हैं, जिनका उद्देश्य जलप्रदूषण को कम करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा करना है।
अपने सार्वजनिक नोटिस में बीएमसी ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे शाडू मिट्टी से बनी गणेश मूर्तियों का उपयोग करें, मूर्तियों का आकार छोटा रखें और घर पर ही प्रतीकात्मक विसर्जन करें। साथ ही प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियों, रासायनिक रंगों और प्लास्टिक या थर्माकोल जैसी गैर-बायोडिग्रेडेबल सजावट से परहेज़ करने की अपील की गई है, क्योंकि ये सामग्री पानी और समुद्री जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक मानी जाती हैं।
बीएमसी ने पंजीकृत सार्वजनिक गणेश मंडलों के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग सुविधा शुरू की है, जिससे विसर्जन के समय भीड़ न हो और व्यवस्था बनी रहे। यह सुविधा बीएमसी की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है। साथ ही, नागरिकों से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे प्राकृतिक जल स्रोतों जैसे समुद्र, झील और नदियों की बजाय शहर में विभिन्न स्थानों पर बनाए गए कृत्रिम जलकुंडों में मूर्ति विसर्जन करें। छोटे घरेलू गणेश मूर्तियों के लिए घर पर ही विसर्जन करने या नजदीकी कृत्रिम कुंड का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
बीएमसी ने यह भी कहा है कि मंडलों द्वारा निकाले जाने वाले गणेश जुलूस शांतिपूर्ण और अनुशासित होने चाहिए। ध्वनि प्रदूषण से बचने के लिए लाउडस्पीकरों का सीमित उपयोग करने और सुरक्षा मानकों का पालन करने की आवश्यकता बताई गई है। साथ ही मुंबई पुलिस के साथ तालमेल बनाकर ट्रैफिक और भीड़ प्रबंधन में सहयोग करने की अपील की गई है।
विसर्जन स्थलों पर बीएमसी द्वारा निर्माल्य कलश लगाए जाएंगे, जिनमें श्रद्धालु फूल, हार और अन्य जैविक नैवेद्य समर्पित कर सकेंगे। ये सामग्री बाद में खाद के रूप में उपयोग की जाएगी। वहीं, प्लास्टिक जैसे अपशिष्ट के लिए अलग से डस्टबिन की व्यवस्था रहेगी ताकि कचरा प्रबंधन और पुनःप्रयोग में आसानी हो।
महापालिका ने अपने निर्देश में यह भी स्पष्ट किया है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों का पालन अनिवार्य है। यदि कोई नागरिक इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। बीएमसी ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस पावन पर्व को आस्था के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदारी निभाते हुए मनाएं।
सभी दिशा-निर्देश, विसर्जन स्थलों की जानकारी और ऑनलाइन बुकिंग लिंक बीएमसी की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। प्रशासन को उम्मीद है कि इस साल का गणेशोत्सव श्रद्धा और सतर्कता, दोनों के संतुलन के साथ मनाया जाएगा।
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