फरहान अख्तर के ड्राइवर ने किया ₹12 लाख का फर्जीवाड़ा, पेट्रोल पंप कर्मचारी भी शामिल

मुंबई : मुंबई में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें बॉलीवुड अभिनेता फरहान अख्तर की मां हनी ईरानी के ड्राइवर ने फरहान के नाम पर जारी किए गए फ्यूल कार्ड्स का दुरुपयोग करते हुए करीब ₹12 लाख की धोखाधड़ी को अंजाम दिया। इस पूरे फर्जीवाड़े में एक पेट्रोल पंप कर्मचारी की मिलीभगत भी सामने आई है। बांद्रा पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है।
यह मामला तब उजागर हुआ जब हनी ईरानी की मैनेजर दिया भाटिया ने ईरानी की गाड़ियों के फ्यूल खर्च का हिसाब जांचना शुरू किया। जांच के दौरान उन्हें एक गाड़ी के फ्यूल रिकॉर्ड में गंभीर गड़बड़ी दिखाई दी। एक ऐसी मारुति कार, जिसकी डीजल टैंक की क्षमता मात्र 35 लीटर है, उसके नाम पर 621 लीटर डीजल भरवाने का रिकॉर्ड दर्ज था। इस असमानता ने भाटिया को चौकन्ना कर दिया और उन्होंने आगे की जांच शुरू की।
ड्राइवर नरेश सिंह (35) से जब इस बारे में पूछताछ की गई, तो उसने गोलमोल जवाब दिए और कहा कि उसके पास सिर्फ एक कार्ड है जिससे वह फ्यूल भरवाता है। लेकिन जब मैनेजर ने कार्ड्स के लेन-देन का इतिहास खंगाला, तो यह सामने आया कि नरेश ने कुल तीन कार्ड्स का उपयोग किया था, जो सभी फरहान अख्तर के नाम पर रजिस्टर्ड थे। इसके अलावा, रिकॉर्ड में यह भी पाया गया कि नरेश ने एक ऐसी गाड़ी के लिए इंजन ऑयल खरीदा था, जिसे सात साल पहले ही बेच दिया गया था।
पूछताछ के लिए जब नरेश को बुलाया गया, तो उसने आखिरकार कबूल कर लिया कि उसने यह धोखाधड़ी की है। उसने बताया कि वर्ष 2022 में उसे फरहान अख्तर के पूर्व ड्राइवर संतोष कुमार से ये तीन फ्यूल कार्ड्स मिले थे। इसके बाद वह नियमित रूप से बांद्रा लेक के पास स्थित SV रोड पेट्रोल पंप पर जाता था, जहां उसकी मिलीभगत अरुण सिंह (52) नामक एक कर्मचारी से हो गई थी। हर बार वह कार्ड स्वाइप करता था, लेकिन असल में फ्यूल नहीं भरवाता था। इसके बदले अरुण उसे कैश देता था, जिसमें से ₹1,000 से ₹1,500 तक की रकम वह खुद रखता था और बाकी नरेश को दे देता था। इस तरीके से दोनों ने मिलकर लाखों की हेराफेरी की।
1 अक्टूबर को दिया भाटिया ने बांद्रा पुलिस थाने में औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई, जिसके आधार पर पुलिस ने नरेश सिंह और अरुण सिंह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318 (आपराधिक विश्वासघात), 418 (धोखाधड़ी) और 3(5) (सामान्य प्रावधान) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है और अन्य संभावित आरोपियों की भी तलाश कर रही है।
यह मामला यह दर्शाता है कि किस तरह भरोसे की आड़ में और तकनीकी संसाधनों के माध्यम से आर्थिक अपराधों को अंजाम दिया जा सकता है। फरहान अख्तर या उनकी मां की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान अभी तक सामने नहीं आया है।
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