GST घटा, कारें सस्ती हुईं – मारुति और हुंडई को बिक्री बढ़ने की उम्मीद

GST घटा, कारें सस्ती हुईं – मारुति और हुंडई को बिक्री बढ़ने की उम्मीद

नई दिल्ली, 12 सितंबर 2025: भारत की दो प्रमुख कार निर्माता कंपनियाँ—मारुति सुजुकी इंडिया और हुंडई मोटर इंडिया—ने उम्मीद जताई है कि जीएसटी सुधारों के चलते कारों की कीमतों में 3.5 से 13 प्रतिशत तक की कमी आने से आने वाले महीनों में ऑटोमोबाइल सेक्टर में तेज़ी देखी जाएगी। इसके साथ ही त्योहारी मांग और ब्याज दरों में गिरावट जैसे कारक भी कार बिक्री को नया जीवन दे सकते हैं।

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मारुति सुजुकी के विपणन एवं बिक्री के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी पार्थो बनर्जी ने कहा कि, “15 अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी दरों के सरलीकरण का संकेत दिया, उसके बाद से ग्राहकों की पूछताछ में 15% की वृद्धि देखी गई है।”

बनर्जी ने बताया कि कंपनी की कारों की कीमतों में 3.5 से 8.5 प्रतिशत तक की कटौती हुई है, जो छोटे मॉडलों से लेकर बड़े वाहनों तक लागू होती है। उन्होंने कहा, “भारत में प्रति 1,000 लोगों पर सिर्फ 34 कारें हैं, जबकि विकसित देशों में यह आंकड़ा 700–800 है। यदि यह अनुपात 44 प्रति 1,000 तक भी पहुंचता है, तो बाजार में भारी वृद्धि की संभावना है।”

वहीं, हुंडई मोटर इंडिया के पूर्णकालिक निदेशक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने कहा कि GST सुधारों के बाद छोटे SUV सेगमेंट में सबसे ज्यादा वृद्धि देखने को मिल सकती है। उन्होंने बताया कि छोटे वाहनों की कीमतों में 11 से 13 प्रतिशत और बड़े मॉडलों की कीमतों में 3 से 10 प्रतिशत तक की कटौती की गई है।

हुंडई ने कुछ मॉडलों के नई कीमतों की घोषणा करते हुए बताया कि एक्सटर की कीमत में ₹89,209, वेन्‍यू की कीमत में ₹1.23 लाख और क्रेटा की कीमत में ₹72,145 तक की कमी की गई है। ये नई कीमतें 22 सितंबर से लागू होंगी।

GST की नई संरचना के तहत अब आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाहनों पर दो स्लैब लागू किए गए हैं—छोटे वाहनों पर 18 प्रतिशत और बड़े/लक्ज़री वाहनों पर 40 प्रतिशत। इससे पहले, सभी ICE कारों पर 28% जीएसटी के अलावा 1% से 22% तक का मुआवजा उपकर (Compensation Cess) लगाया जाता था।

वेतनभोगियों के लिए 12 लाख रुपये तक की आय पर कर राहत और रेपो दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों की नकद प्रवाह (disposable income) बढ़ा सकता है और EMI को कम कर सकता है, जिससे वाहन खरीद की प्रवृत्ति और बढ़ेगी।

दोनों कंपनियों का मानना है कि इन सुधारों से न केवल तत्काल बिक्री में बढ़ोतरी होगी, बल्कि ऑटोमोबाइल सेक्टर एक बार फिर 7% की दीर्घकालिक विकास दर की ओर अग्रसर हो सकेगा।

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