भिवंडी: जर्जर सड़कों के विरोध में आदिवासी समाज का रास्ता रोको आंदोलन, कई मार्गों पर यातायात प्रभावित
वाडा-भिवंडी और अंजुर फाटा-चिंचोटी फाटा मार्ग पर 64 किलोमीटर तक चला आंदोलन, आदिवासी समाज की महिलाएं और पुरुष सड़कों पर उतरे

भिवंडी, 26 जून: सड़कों की जर्जर स्थिति, गड्ढों और बढ़ती दुर्घटनाओं के खिलाफ भिवंडी तालुका में आदिवासी समाज की श्रमजीवी संघटना ने आज रास्ता रोको आंदोलन शुरू किया। वाडा-भिवंडी मनोर राज्य मार्ग और अंजुर फाटा से चिंचोटी फाटा तक करीब 64 किलोमीटर के क्षेत्र में यह आंदोलन चला, जिससे कई मार्गों पर यातायात बाधित हुआ।
कावड़ नाका और मालोडी टोल नाका जैसे प्रमुख स्थानों पर आदिवासी समाज की महिलाओं और पुरुषों ने सड़क पर बैठकर विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि क्षेत्र की सड़कों की तुरंत मरम्मत की जाए, ताकि आए दिन हो रही दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
भिवंडी तालुका के नारपोली यातायात उपविभाग की सीमा में वाडा-भिवंडी और चिंचोटी-अंजुर फाटा राज्य मार्ग पर भारी मात्रा में पत्थर और मलबा गिरने से सड़क मार्ग पर कई जगह जाम की स्थिति बन गई है। इससे दुर्घटनाओं की संख्या में भी वृद्धि देखी गई है।
यातायात पुलिस ने स्थिति को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में मार्ग परिवर्तन की घोषणा की है, जिससे यातायात सुचारू बना रहे और यात्रियों को असुविधा न हो। पुलिस ने लोगों से बदलावों का पालन करने और वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की अपील की है।
प्रशासन से मांग
श्रमजीवी संगठन की ओर से प्रशासन से मांग की गई है कि:
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सड़कों की त्वरित मरम्मत की जाए
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गड्ढों को तुरंत भरा जाए
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दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उचित संकेतक और व्यवस्था की जाए
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ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए
इस आंदोलन से यह स्पष्ट है कि आदिवासी समाज अब अपनी समस्याओं को लेकर जागरूक और संगठित हो रहा है, और सड़कों की दुर्दशा के खिलाफ आवाज उठा रहा है।
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