मिठी नदी गाद सफाई में फर्जीवाड़ा, ईडी ने जब्त की ₹47 करोड़ की संपत्ति

मुंबई, 2 अगस्त 2025: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई में मिठी नदी गाद निकासी घोटाले की जांच के सिलसिले में बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹47 करोड़ से अधिक की संपत्ति फ्रीज़ कर दी है। शनिवार को जारी आधिकारिक बयान में एजेंसी ने बताया कि यह कार्रवाई ₹65 करोड़ के कथित घोटाले के संबंध में की गई, जिसमें मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के ठेकेदारों और वरिष्ठ इंजीनियरों की मिलीभगत सामने आई है।
ईडी ने 31 जुलाई को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मुंबई के आठ स्थानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी बीएमसी से जुड़े ठेकेदारों — एक्यूट डिज़ाइन्स, कैलाश कंस्ट्रक्शन कंपनी, निखिल कंस्ट्रक्शन कंपनी, एन ए कंस्ट्रक्शन प्रा. लि., और जे.आर.एस इन्फ्रास्ट्रक्चर — तथा बीएमसी के उप मुख्य अभियंता प्रशांत कृष्ण तायशेटे के परिसरों पर की गई।
ईडी ने बताया कि छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज़, डिजिटल उपकरण, और संदिग्ध ज़मीन सौदों के रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं, जिनकी अब गहन जांच की जा रही है। इन दस्तावेज़ों से जाली समझौता पत्र (MoU) और फर्जी अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) तैयार कर ठेके हासिल करने की साजिश का खुलासा हुआ है।
जांच में सामने आया है कि बीएमसी के स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज (SWD) विभाग के कुछ अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर गाद निकासी के लिए फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया और गाद के निपटान के लिए दिखाए गए स्थानों को गलत तरीके से प्रमाणित किया गया।
ईडी की कार्रवाई पुलिस के आज़ाद मैदान थाने में दर्ज एक प्राथमिक रिपोर्ट के बाद शुरू हुई थी, जिसमें बीएमसी को ₹65 करोड़ का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। रिपोर्ट में कुल 13 व्यक्ति और संस्थाएं नामजद हैं।
इसके अलावा, जांच में यह भी सामने आया है कि बीएमसी के कुछ अधिकारियों ने महंगी मशीनरी — जैसे साइल्ट पुशर और बहुउद्देश्यीय अम्फीबियस मशीनों — की खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ी की ताकि चहेते ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाया जा सके।
ईडी ने बताया कि अब तक इस मामले में लगभग ₹49.8 करोड़ की अवैध संपत्तियां जब्त व फ्रीज़ की जा चुकी हैं, और आगे की जांच जारी है।
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