मुंबई में मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में इजाफा, डेंगू और गैस्ट्रो में गिरावट: बीएमसी की रिपोर्ट

मुंबई: मुंबई में इस साल मानसून के दौरान मौसमी बीमारियों के मामलों में मिश्रित रुझान देखने को मिला है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के महामारी प्रकोष्ठ द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे मच्छरजनित रोगों के मामलों में तेज़ी से वृद्धि हुई है, जबकि डेंगू और गैस्ट्रोएन्टेराइटिस जैसी जलजनित बीमारियों में कमी दर्ज की गई है।
बीएमसी के अनुसार, जनवरी से 15 सितंबर 2025 के बीच मलेरिया के 6,277 मामले दर्ज किए गए, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज 5,182 मामलों से काफ़ी अधिक हैं। विशेष रूप से अगस्त महीने में मलेरिया के मामलों में सबसे तेज़ उछाल देखा गया, जहां इस साल 5,706 मामले सामने आए, जबकि अगस्त 2024 में यह आंकड़ा 4,021 था। इसी प्रकार, चिकनगुनिया के मामलों में भी इस साल बढ़ोतरी देखी गई है। इस वर्ष अब तक 542 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि पिछले वर्ष इस समय तक केवल 366 मरीज सामने आए थे।
डेंगू के मामलों में हालांकि गिरावट दर्ज की गई है। बीएमसी के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में अब तक डेंगू के 2,724 मामले सामने आए हैं, जबकि 2024 की समान अवधि में यह संख्या 3,435 थी। हालांकि, अगस्त महीने में मामूली वृद्धि देखी गई है – इस साल अगस्त में 2,319 केस दर्ज हुए जबकि पिछले साल इसी महीने में 1,979 मरीज मिले थे।
जलजनित बीमारियों की बात करें तो गैस्ट्रो के मामलों में गिरावट देखने को मिली है। इस साल अब तक 5,989 मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 6,599 था। अगस्त में भी गिरावट जारी रही, जहां इस साल 5,774 मामले दर्ज हुए, जबकि पिछले साल अगस्त में यह संख्या 6,133 थी। दूसरी ओर, हेपेटाइटिस के मामलों में थोड़ी वृद्धि देखी गई है। इस साल अब तक 913 मरीज सामने आए हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 791 थी।
कोविड-19 के मामलों में भी राहत की खबर है। इस साल अब तक केवल 1,116 मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले साल की तुलना में काफी कम हैं। 2024 में इसी अवधि तक कोविड के 1,837 केस रिपोर्ट हुए थे। अगस्त में भी गिरावट दर्ज की गई, जहां 2025 में केवल 1,111 मामले दर्ज हुए, जबकि पिछले साल अगस्त में 1,775 मरीज मिले थे।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने इन बदलावों के लिए बीएमसी की सक्रिय स्वास्थ्य निगरानी और रोकथाम अभियानों को जिम्मेदार बताया है। बीएमसी ने सितंबर के पहले पखवाड़े में 4.7 लाख घरों में जाकर 22 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की। इसके साथ ही मच्छरनाशक दवाओं का छिड़काव, पानी की टंकियों की सफाई और अस्पतालों में स्वच्छता अभियानों को भी तेज़ किया गया है।
बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि मानसून के दौरान जलभराव, नमी और जनसंख्या की अधिकता जैसी स्थितियां मौसमी बीमारियों को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने बताया कि अगस्त और सितंबर के बीच मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में उछाल जरूर आया है, लेकिन सितंबर में पिछले साल की तरह ही मामलों में गिरावट दर्ज की गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने आस-पास पानी जमा न होने दें, साफ-सफाई बनाए रखें और लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें। प्रशासन का मानना है कि जनसहयोग और निरंतर निगरानी से इन बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
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