मुंबई में महिला सुरक्षा के दावों के बीच 26% की वृद्धि के साथ दुष्कर्म के मामलों में चिंताजनक उछाल

मुंबई, 18 अगस्त: जहां एक ओर प्रशासन मुंबई को महिलाओं के लिए सुरक्षित शहर बताता है, वहीं 2025 की पहली छमाही में दर्ज अपराधों के आंकड़े चिंताजनक तस्वीर पेश कर रहे हैं। महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के खिलाफ दुष्कर्म, छेड़छाड़, अश्लील हरकतें और अपहरण जैसे मामलों में तेज़ बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
मुंबई पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, दुष्कर्म के मामलों में 26% की वृद्धि हुई है — 2024 में जहां 478 केस दर्ज हुए थे, 2025 में यह संख्या 602 तक पहुंच गई है। महिलाओं की शालीनता के साथ खिलवाड़ के मामलों में भी 10.7% की वृद्धि हुई है (2024 में 1,169, 2025 में 1,294 मामले)। शालीनता का अपमान करने की मंशा वाले मामलों में 27.5% का इज़ाफा देखा गया है (2024 में 345, 2025 में 440 मामले)।
सबसे अधिक चिंता का विषय नाबालिग बच्चियों के खिलाफ बढ़ते यौन अपराध हैं। 2025 में अब तक दर्ज 602 दुष्कर्म मामलों में से 308 नाबालिग लड़कियों से जुड़े हैं, जबकि 2024 में यह संख्या 284 थी।
POCSO अधिनियम के तहत छेड़छाड़ के मामले 11.8% बढ़े हैं (2024 में 297, 2025 में 332)।
ईव-टीज़िंग के मामले 75% तक बढ़े हैं (2024 में 12, 2025 में 21 मामले)।
इनमें से 70% अपराधों में आरोपी पीड़िता के जानने वाले होते हैं — जैसे कि परिवार के सदस्य, रिश्तेदार, दोस्त या पड़ोसी। शेष मामलों में अपराधी अजनबी होते हैं, जो सार्वजनिक स्थानों या यात्रा के दौरान अपराध करते हैं।
2025 में अब तक 720 अपहरण के मामले दर्ज हुए, जिनमें से 716 में नाबालिग लड़कियां शामिल थीं। यह 20.9% की वृद्धि दर्शाता है (2024 में 592 मामले)। पुलिस का कहना है कि अधिकतर मामलों में नाबालिग लड़कियों को विवाह के बहाने बहलाकर ले जाया गया।
मुंबई पुलिस ने महिला सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं:
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महिला पुलिस अधिकारियों से सुसज्जित मोबाइल वैन गश्त पर रहती हैं।
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103 महिला हेल्पलाइन सक्रिय है।
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हर पुलिस स्टेशन में महिला प्रकोष्ठ, काउंसलिंग सेंटर, और एंटी-अब्यूज सेल्स कार्यरत हैं।
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‘पुलिस दीदी’ जैसी योजनाएं भी चलाई जा रही हैं।
पुलिस का मानना है कि कानून का सख्ती से पालन, आरोपियों को कड़ी सजा, और स्कूलों, कॉलेजों व रिहायशी इलाकों में जागरूकता अभियान चलाना अब अत्यंत आवश्यक हो गया है।
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