वसई-विरार महानगर पालिका के अधिकारियों पर गाली-गलौज का विरोध, सोमवार को काला फीता बांधकर कर्मचारियों का प्रदर्शन

वसई-विरार : महानगर पालिका के मुख्यालय में शुक्रवार को हुए दुर्व्यवहार की घटना के बाद, सोमवार को सभी अधिकारी और कर्मचारी काला फीता बांधकर आगरी सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन उस घटना के खिलाफ है, जब आगरी सेना के नेता कैलाश पाटील और उनके कार्यकर्ताओं ने नालासोपारा के विकास से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा के दौरान अतिरिक्त आयुक्त संजय हेरवडे के साथ गाली-गलौज की। हालांकि, मारपीट की कोशिश की खबरें भी आई हैं, लेकिन मनपा ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। शुक्रवार दोपहर, आगरी सेना के नेता कैलाश पाटील अपने कार्यकर्ताओं के साथ वसई-विरार महानगर पालिका मुख्यालय पहुंचे, जहाँ उनका उद्देश्य नालासोपारा के विकास और पुनर्वसन से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा करना था।
मनपा आयुक्त अनिल कुमार पवार के अनुपस्थित रहने पर, उन्हें अतिरिक्त आयुक्त संजय हेरवडे से मिलने का समय मिला। बातचीत के दौरान, दोनों पक्षों के बीच बहस हो गई, और यह बहस इतनी बढ़ गई कि आगरी सेना के कार्यकर्ताओं ने गाली-गलौज शुरू कर दी। मनपा अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि गुस्से में आगरी सेना के कार्यकर्ताओं ने संजय हेरवडे के साथ बदसलूकी की और सरकारी कार्यालय के सामान को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। हालांकि, मनपा के सुरक्षा कर्मियों ने समय पर हस्तक्षेप किया और स्थिति को नियंत्रण में लाया। इस घटना के बाद, मनपा के अधिकारियों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। शुक्रवार शाम को एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई, जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सोमवार को सभी अधिकारी और कर्मचारी काला फीता बांधकर विरोध करेंगे। यह विरोध केवल आगरी सेना के दुर्व्यवहार के खिलाफ नहीं है, बल्कि सरकारी अधिकारियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ भी है, जो पिछले कुछ समय से लगातार हो रहे हैं। वसई-विरार महानगर पालिका के आयुक्त अनिल कुमार पवार ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, “इस तरह के दुर्व्यवहार को सहन नहीं किया जाएगा। सरकारी कार्यों में बाधा डालने का यह प्रयास न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि इसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।”
मनपा ने इस घटना को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है, और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। दूसरी ओर, आगरी सेना के प्रवक्ता जयेश पाटील ने मनपा अधिकारियों द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि उनके कार्यकर्ता शांति से अपनी मांगें उठाने गए थे, लेकिन मनपा अधिकारियों ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके कारण विवाद बढ़ा। जयेश पाटील का कहना है, “हमने किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ या गाली-गलौज नहीं की। हमारी मांगें पूरी नहीं होने पर कार्यकर्ताओं में असंतोष था, लेकिन मनपा द्वारा लगाए गए आरोप गलत हैं।”
वसई-विरार महानगर पालिका में शुक्रवार को जो घटना हुई, उसने एक बार फिर से सरकारी अधिकारियों पर हो रहे दुर्व्यवहार के मुद्दे को उजागर किया है। मनपा के अधिकारी और कर्मचारी इस घटना के खिलाफ एकजुट हैं और इसे लेकर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई की जाएगी। यह लेख वसई-विरार महानगर पालिका के खिलाफ हुई घटना का विस्तृत विवरण देता है, जिसमें नगर पालिका के पक्ष को प्रमुखता से रखा गया है। साथ ही, आगरी सेना के आरोपों को भी शामिल किया गया है ताकि पूरी तस्वीर सामने आ सके।
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