78 करोड़ की लागत से सिद्धिविनायक मंदिर का सौंदर्यीकरण, BMC ने पहले चरण के लिए जारी किए टेंडर

मुंबई : मुंबई के प्रतिष्ठित श्री सिद्धिविनायक मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण और उन्नयन के पहले चरण के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने ₹78 करोड़ की लागत से टेंडर आमंत्रित किए हैं। यह बहुप्रतीक्षित परियोजना मंदिर के चारों ओर की भीड़-भाड़ को कम करने, बाहरी सौंदर्य में सुधार लाने और श्रद्धालुओं को सुविधाजनक अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। परियोजना का कार्य शुरू होने के बाद इसे 12 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
लगभग दो वर्ष पहले इस योजना का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन जनवरी 2024 में BMC ने ₹493 करोड़ की लागत वाली एक समग्र परियोजना की घोषणा की, जिसमें मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र का सम्पूर्ण उन्नयन किया जाएगा। इसके लिए एक अनुभवी वास्तु सलाहकार को नियुक्त किया गया, जिसने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने, आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त करने और टेंडर दस्तावेज बनाने का कार्य किया।
BMC ने सोमवार को पहले चरण के टेंडर आमंत्रित किए, जिनके लिए अंतिम तिथि 13 अक्टूबर निर्धारित की गई है। इस प्रक्रिया से पहले 29 सितंबर को दादर पश्चिम स्थित जी/नॉर्थ वार्ड कार्यालय में एक प्री-बिड बैठक आयोजित की जाएगी। पहले चरण के अंतर्गत दो भूमिगत पार्किंग स्थलों का निर्माण, संगमरमर की दीवारों पर शिल्पकारी, मुख्य प्रवेश द्वार (जिसे ‘सिद्धि गेट’ नाम दिया जाएगा) का पुनर्निर्माण, छत की छावनी का नवीनीकरण और परिसर में नई टाइलिंग जैसे कार्य शामिल हैं।
संपूर्ण सौंदर्यीकरण परियोजना को तीन चरणों में विभाजित किया गया है। पहले चरण में परिसर का बाह्य स्वरूप बेहतर बनाया जाएगा और भीड़ नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। दूसरे चरण में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने पर ज़ोर रहेगा, जिसमें एक फेसीलिटेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा ताकि मंदिर में प्रवेश की प्रक्रिया सरल हो सके और प्रतीक्षा समय कम किया जा सके। इसके अतिरिक्त, अतिरिक्त सुरक्षा चौकियां भी स्थापित की जाएंगी। इस चरण में एक नया प्रवेश द्वार ‘रिद्धि गेट’ काकासाहेब गाडगिल मार्ग की ओर बनाया जाएगा। यह द्वार ‘सिद्धि गेट’ के साथ मिलकर गणेशजी की पत्नियों के नाम पर प्रतीकात्मक प्रवेश द्वार बनेंगे, जो श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव को और गहरा करेंगे।
इस परियोजना से न केवल मंदिर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी, बल्कि यह क्षेत्र भी अधिक सुव्यवस्थित, सुरक्षित और सौंदर्यपूर्ण बनेगा।
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