कचरे से विरासत की ओर: वेस्टर्न रेलवे के कोच केयर डिपो, मुंबई सेंट्रल ने 'स्वच्छता ही सेवा 2025' के तहत दिखाई अनोखी पहल

मुंबई, 23 सितंबर: पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल स्थित कोच केयर डिपो ने 'स्वच्छता ही सेवा 2025' अभियान के अंतर्गत पर्यावरण के प्रति अपनी जागरूकता और रचनात्मकता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। डिपो की टीम ने कबाड़ और अनुपयोगी वस्तुओं का उपयोग करते हुए एक आकर्षक लोकोमोटिव मॉडल तैयार किया है, जो अब सबका ध्यान आकर्षित कर रहा है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री विनीत अभिषेक द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह पहल न केवल टीम की रचनात्मकता और शिल्पकौशल को दर्शाती है, बल्कि उनके पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है। यह मॉडल ‘कम करो, पुन: उपयोग करो, और पुनर्चक्रण करो’ जैसे मूल्यों को बढ़ावा देता है और यह दर्शाता है कि रचनात्मक दृष्टिकोण से देखे जाने पर बेकार समझी जाने वाली वस्तुएं भी प्रेरणादायक और उपयोगी बन सकती हैं।
अब यह लोकोमोटिव मॉडल कोच केयर सेंटर के प्रांगण में गर्व से स्थापित है और एक मजबूत संदेश देता है कि स्वच्छता, नवाचार और पर्यावरणीय जिम्मेदारी मिलकर किस प्रकार देश की सेवा में योगदान कर सकते हैं। इस पहल की सभी स्तरों पर सराहना हो रही है और यह दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है।
मुंबई सेंट्रल की इस पहल ने साबित कर दिया है कि भारतीय रेल किस तरह रचनात्मकता और पर्यावरणीय सजगता को एक साथ लाकर एक नई मिसाल कायम कर सकती है। कबाड़ को विरासत में बदलने की यह कोशिश स्वच्छता अभियान को एक नई ऊंचाई देती है।
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