अहमदाबाद रथ यात्रा में मची अफरातफरी: हाथियों के बेकाबू होने से भगदड़, भक्तों में दहशत
148वीं भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान तीन हाथियों के बेकाबू होने से खड़िया क्षेत्र में मचा हड़कंप, समय रहते हालात काबू में

अहमदाबाद, 27 जून: गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की 148वीं भव्य रथ यात्रा के दौरान उस समय अफरातफरी मच गई, जब तीन हाथी अचानक बेकाबू होकर भीड़ में घुस गए। खड़िया क्षेत्र में हुए इस हादसे ने कुछ पलों के लिए आस्था के इस पर्व को दहशत और भगदड़ में बदल दिया।
घटना सुबह की है, जब हजारों भक्त रथ यात्रा में शामिल होकर जयकारे लगा रहे थे। उसी दौरान 18 हाथियों के जुलूस में सबसे आगे चल रहे एक हाथी ने नियंत्रण खो दिया और भागने लगा। उसके पीछे दो और हाथी भी बेकाबू हो गए। हजारों श्रद्धालु जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। पुलिस और स्वयंसेवकों ने तुरंत सीटी बजाना बंद कराया ताकि हाथी और अधिक उत्तेजित न हों।
प्रत्यक्षदर्शी रमेश भाई ने बताया,"हम लोग भगवान के जयकारे लगा रहे थे, तभी अचानक हाथी दौड़ने लगे। कुछ समझ नहीं आया, सब लोग भागने लगे। ऐसा लगा जैसे जान बचाना मुश्किल होगा।"
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग और पुलिस बल ने तुरंत कार्रवाई की। हाथियों को इंजेक्शन देकर शांत किया गया, और उन्हें महावतों की मदद से काबू में लाया गया। सौभाग्यवश कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ, लेकिन कुछ लोग मामूली रूप से चोटिल हुए हैं।
एक अन्य श्रद्धालु, मीना पटेल, ने बताया,"बहुत डरावना पल था। लेकिन पुलिस और महावतों ने तुरंत कार्रवाई की और हाथियों को शांत कर दिया। यह किसी चमत्कार से कम नहीं कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।"
इस घटना ने उस धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल को कुछ समय के लिए बिगाड़ दिया, जिसे मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा किए गए पावन 'पहिंड विधि' से सुबह की शुरुआत में स्थापित किया गया था। पहली बार भगवान जगन्नाथ को ऑनर गार्ड भी दिया गया।
इस बार की रथ यात्रा में 18 हाथी, 101 ट्रक जिन पर भारतीय विरासत की झांकियां दिखाई गईं, 30 अखाड़े, 18 भजन मंडलियां और 3 बैंड शामिल थे। देशभर से हरिद्वार, अयोध्या, नासिक जैसे तीर्थ स्थानों से आए साधु-संतों ने यात्रा को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए जमालपुर जगन्नाथ मंदिर में मंगला आरती में भाग लिया, जिससे पूरे आयोजन को और अधिक श्रद्धामय वातावरण मिला।
इस अप्रत्याशित हादसे के बावजूद, प्रशासन की तत्परता और श्रद्धालुओं के संयम से एक बड़ा संकट टल गया। रथ यात्रा आगे शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। इस घटना ने हालांकि आयोजन
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