कबूतरखाना बंदी पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिया स्पष्टीकरण, BMC के आदेश को बताया आधार

मुंबई 11 अगस्त 2025: कबूतरखाना बंदी को लेकर उठे विवाद पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर कोई न्यायालयीन आदेश पारित नहीं किया गया है। दरअसल, यह आदेश बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) द्वारा पारित किया गया था, जिसके खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी।
लंबी सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र सरकार के कुछ नेताओं द्वारा इस मामले में कोर्ट का नाम लेकर भ्रामक जानकारी दी जा रही थी। कोर्ट ने साफ कहा कि BMC द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध याचिकाकर्ता अदालत में आए थे, न कि किसी न्यायालयीन आदेश को चुनौती दी गई थी।
कोर्ट ने मामले को संवेदनशील मानते हुए कहा कि इस विषय पर धार्मिक आस्था और पशु प्रेम जैसे भावनात्मक पहलुओं के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य का भी मुद्दा जुड़ा है। ऐसे में अदालत ने राज्य सरकार और BMC को सुझाव दिया है कि वे एक मल्टीडिसिप्लिनरी विशेषज्ञ समिति गठित करें।
इस समिति में याचिकाकर्ताओं द्वारा नामित विशेषज्ञों को भी शामिल करने की बात कही गई है, ताकि एक संतुलित दृष्टिकोण से समस्या का समाधान निकल सके।
अदालत ने BMC द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि कबूतरखाना के प्रभावों पर आगे और जांच की आवश्यकता है। इसी आधार पर कोर्ट ने फिलहाल कोई निष्कर्ष न निकालते हुए, सभी पक्षों को विवेकपूर्ण निर्णय लेने की सलाह दी।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई बुधवार को तय की है, जिसमें एडवोकेट जनरल (AG) की भी उपस्थिति अनिवार्य रहेगी।
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