भोपाल-जबलपुर में रैलियों की टक्कर: पीएम मोदी की महिला सभा के दिन कांग्रेस करेगी 'जय हिंद सभा' का आयोजन

भोपाल, 29 मई – मध्यप्रदेश की सियासत में 31 मई को एक अहम दिन साबित होने जा रहा है। एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भोपाल में महिला सशक्तिकरण को लेकर बड़ी सभा को संबोधित करेंगे, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी जबलपुर में 'जय हिंद सभा' के नाम से जनसभा का आयोजन करने जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस कांग्रेस सभा में प्रमुख वक्ता होंगे। कांग्रेस के प्रदेश मीडिया समन्वयक अभिनव बरोलिया ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस सभा का उद्देश्य भारतीय सेना की बहादुरी को सम्मानित करना है, विशेष रूप से 'ऑपरेशन सिन्दूर' के दौरान सेना द्वारा किए गए पराक्रम को।
कांग्रेस की यह सभा उस दिन हो रही है जब पीएम मोदी भोपाल में महिलाओं को संबोधित करेंगे, जिससे इसे राजनीतिक टक्कर के रूप में देखा जा रहा है।
अभिनव बरोलिया ने कहा, “जबलपुर सेना की बड़ी छावनी और आयुध निर्माणी का केंद्र रहा है। यहां की जनता का सेना से विशेष जुड़ाव रहा है। ऐसे स्थान पर हम सेना के पराक्रम को नमन करते हुए जय हिंद सभा का आयोजन कर रहे हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी 'ऑपरेशन सिन्दूर' का श्रेय सिर्फ खुद ले रहे हैं जबकि असली वीरता हमारे जवानों ने दिखाई है।
बरोलिया ने मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और बीजेपी विधायक नरेंद्र प्रजापति के विवादित बयानों पर भी सवाल उठाए। विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने SIT जांच के आदेश दिए हैं।
डिप्टी सीएम देवड़ा ने 16 मई को जबलपुर में कहा था कि “भारतीय सेना ने पीएम मोदी के चरणों में नमन किया।”
17 मई को विधायक प्रजापति ने रीवा में तिरंगा यात्रा के दौरान कहा था कि “अगर UN से रोक नहीं मिलती तो पीएम मोदी पाकिस्तान को खत्म कर देते।”
कांग्रेस का कहना है कि यह सब दिखाता है कि बीजेपी किस तरह सेना की उपलब्धियों का राजनीतिकरण कर रही है।
वहीं, बीजेपी के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पीएम मोदी की भोपाल सभा भव्य और ऐतिहासिक होगी। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस गुटबाजी से जूझ रही है और उनकी जबलपुर रैली फ्लॉप साबित होगी।
चतुर्वेदी ने कहा, “देश की जनता जानती है कि कांग्रेस सिर्फ विभाजनकारी राजनीति करती है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदमों के लिए सराहे जाते हैं।”
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