मालदीव में फंसे बेटे की रिहाई के लिए मां की गुहार, सरकार से मदद की अपील

भायंदर: भायंदर पूर्व के ऑरेंज हॉस्पिटल इलाके में रहने वाली गायत्री पारीख अपने बेटे की रिहाई के लिए सरकार और पुलिस से मदद की गुहार लगा रही हैं। उनका बेटा कुछ महीने पहले शेफ की नौकरी के लिए मालदीव गया था, लेकिन अब वहां उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उसने मुंबई लौटने की कोशिश की, लेकिन उसे वहां से वापस आने से रोका जा रहा है। गायत्री पारीख के बेटे के साथ अन्य 10-15 लोग भी मालदीव में फंसे हुए हैं। इन सभी ने पारीख से मदद की गुहार लगाई है। पारीख ने मंत्रालय, स्थानीय राजनेताओं और पुलिस से कई बार संपर्क किया और पत्राचार किया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस मदद नहीं मिल पाई है। गायत्री पारीख ने कहा, “मेरा बेटा वहां बहुत मुश्किलों का सामना कर रहा है।
मैं सरकार से निवेदन करती हूं कि उसे और बाकी फंसे हुए लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाया जाए।”ये सभी लोग मालदीव में शेफ की नौकरी के लिए गए थे, लेकिन अब वे वहां फंस गए हैं और उन्हें वहां से निकलने के लिए मदद की सख्त जरूरत है। गायत्री पारीख ने सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। कई कोशिशों के बावजूद, अभी तक उनके बेटे को वापस लाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। आखिरकार, उन्होंने मीडिया से मदद की गुहार लगाई है ताकि उनके बेटे को मुंबई वापस लाने के लिए प्रशासन कोई ठोस कदम उठाए।
“सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए और मेरे बेटे के साथ-साथ वहां फंसे सभी लोगों को सुरक्षित वापस लाना चाहिए। हमने कई कोशिशें कीं, लेकिन अब तक कोई मदद नहीं मिली,” -गायत्री पारीख, मां।
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