वसई 

मुंबई अहमदाबाद राष्ट्रीय महामार्ग और आसपास के इलाकों में स्थापित रेडिमिक्स सिमेंट कारखानों के कारण प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है, जिसका असर नागरिकों के स्वास्थ्य पर हो रहा है। वसई विरार क्षेत्र में तेजी से हो रहे नगरीकरण और विकास कार्यों के कारण इन कारखानों की संख्या बढ़ी है। इन कारखानों से निकलने वाली धूल ने पूरे महामार्ग को सिमेंट की धूल से भर दिया है, जिससे वाहन चालकों और स्थानीय लोगों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

इस धूल प्रदूषण का असर आसपास के हरित क्षेत्र और कृषि पर भी हो रहा है, जिससे फसलें और पेड़-पौधे प्रभावित हो रहे हैं। स्थानीय नागरिकों ने प्रदूषणकारी कारखानों की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है।

नई गाइडलाइन्स के तहत प्रदूषण नियंत्रण उपाय

प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने रेडिमिक्स सिमेंट कारखानों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत, निर्माण प्रकल्पों में प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करना अनिवार्य किया गया है। 20,000 वर्ग मीटर के प्रकल्पों में 2,000 वर्ग मीटर आरक्षित क्षेत्र रखा जाएगा, और 3 महीने के भीतर बॉक्स जैसी आच्छादन व्यवस्था करनी होगी। नए कारखानों को मुख्य सड़क से 500 मीटर दूर और शैक्षिक संस्थानों, आवासीय इलाकों से भी 500 मीटर की दूरी पर स्थापित किया जाएगा। पुराने प्रकल्पों को 25 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करनी होगी। इन नियमों का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।