ठाणे: सांसद-विधायक स्टिकर लगी गाड़ियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि, टोल और नियमों से बचने का साधन बनी 'विशेष पहचान'

ठाणे, 1 अगस्त 2025: ठाणे जिले में इन दिनों सांसद और विधायक स्टिकर लगे वाहनों की संख्या में अचानक भारी इजाफा देखने को मिल रहा है। जिले में कुल तीन सांसद और बीस विधायक हैं, लेकिन सड़कों पर दौड़ती गाड़ियों को देख कर यह आंकड़ा कहीं अधिक प्रतीत होता है। इन गाड़ियों पर लगाए गए “MP” और “MLA” के स्टिकर अब न सिर्फ टोल टैक्स से बचने, बल्कि ट्रैफिक नियमों को दरकिनार कर प्रभाव जमाने के लिए एक ज़रिया बन गए हैं।
शहर में कई ऐसे वाहन देखे गए हैं जिन पर सांसद या विधायक का स्टिकर तो है, लेकिन वे वास्तव में किसी जनप्रतिनिधि या उनके स्टाफ से जुड़े नहीं हैं। यह सिलसिला इतना आम हो चुका है कि कुछ टोल नाके जो अब बंद हो चुके हैं, वहाँ भी ऐसे स्टिकरधारी वाहन बेधड़क आते-जाते नजर आते हैं। इससे साफ है कि इन स्टिकरों का उपयोग अब केवल सुविधा के लिए नहीं, बल्कि ‘ग्लैमर’ और रुतबे के दिखावे के तौर पर भी किया जा रहा है।
विधानमंडल सत्र की शुरुआत में महाराष्ट्र विधान सचिवालय की ओर से इन स्टिकरों का वितरण अधिकृत तरीके से किया जाता था। लेकिन अब ये स्टिकर अनधिकृत रूप से प्रचलन में आ गए हैं और कई मामलों में इनका दुरुपयोग खुलेआम किया जा रहा है। इस वजह से ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ विभाग के लिए यह समझना भी मुश्किल हो गया है कि कौन सा वाहन असली प्रतिनिधि का है और कौन नकली पहचान का सहारा ले रहा है।
इस पूरे मामले ने प्रशासन और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। स्टिकरों की यह ‘खास पहचान’ आज उन लोगों के लिए एक रास्ता बन चुकी है जो नियमों को ताक पर रख कर सुविधाएं चाहते हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह प्रवृत्ति ट्रैफिक में बाधा तो बन ही रही है, साथ ही प्रशासनिक जवाबदेही पर भी गंभीर प्रश्न चिह्न लगाती है।
अब यह देखना अहम होगा कि क्या ठाणे ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ विभाग इस पर सख्ती से रोक लगाएंगे या फिर यह फर्जी पहचान का चलन यूँ ही जारी रहेगा।
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