पीएफ निकालना अब सिर्फ कुछ क्लिक दूर: आधार, पैन और बैंक डिटेल्स लिंक होने पर बिना किसी कागज़ी प्रक्रिया के 3 दिन में मिलेगा पैसा

मुंबई | 1 अगस्त 2025: कर्मचारियों के लिए पीएफ (प्रोविडेंट फंड) निकालना अब पहले से कहीं ज़्यादा आसान हो गया है। केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि अगर आपका PF खाता आधार, पैन और बैंक डिटेल्स से लिंक और सत्यापित है, तो आप बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ के महज़ तीन दिनों में ऑनलाइन अपना पीएफ पैसा प्राप्त कर सकते हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की इस पहल का उद्देश्य प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और सुगम बनाना है, जिससे कर्मचारियों को बार-बार कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़ें। पहले जहां निकासी के लिए कई तरह के दस्तावेज़ जमा करने होते थे, अब पूरी प्रक्रिया महज़ कुछ क्लिक में पूरी हो जाती है — बशर्ते आपकी KYC पूरी और अपडेटेड हो।
सरकार ने बताया कि जिन खातों में आधार, पैन और बैंक विवरण EPFO रिकॉर्ड से मेल खाते हैं, वहां फिजिकल डॉक्यूमेंट्स की आवश्यकता नहीं होती। डिजिटल सत्यापन ही काफी होता है। यही नहीं, अगर आपने पहले से ‘Composite Claim Form’ भरा है, तो आप बच्चों की पढ़ाई, शादी, मेडिकल ज़रूरत या घर खरीदने जैसे कारणों से भी बिना किसी दस्तावेज़ के पीएफ निकाल सकते हैं।
EPFO ने धोखाधड़ी को रोकने के लिए आधार ओटीपी (OTP) और फेस वेरीफिकेशन को भी अनिवार्य कर दिया है। इससे न केवल सुरक्षा सुनिश्चित होती है, बल्कि यह तय होता है कि केवल वास्तविक खाताधारक ही अपना पैसा निकाल सकें।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब 90 प्रतिशत से अधिक पीएफ क्लेम ऑनलाइन किए जा रहे हैं, और अगर सभी जानकारियां सही हैं, तो प्रोसेसिंग महज़ तीन कार्यदिवसों में पूरी हो जाती है। यह डिजिटल सुविधा कर्मचारियों के समय की बचत करती है और उन्हें उनके पैसों तक त्वरित पहुंच देती है।
पीएफ निकालने की प्रक्रिया को सरल बनाने का यह कदम सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के तहत एक अहम मील का पत्थर माना जा रहा है। लाखों कर्मचारियों के लिए यह सुविधा राहत लेकर आई है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जिन्हें आपातकालीन स्थितियों में अपने फंड्स की तत्काल जरूरत होती है।
अब कर्मचारी EPFO पोर्टल या UMANG ऐप के ज़रिए लॉगिन कर सकते हैं, अपना क्लेम फॉर्म भर सकते हैं और आधार ओटीपी या फेस वेरीफिकेशन के ज़रिए फॉर्म सबमिट कर सकते हैं। यदि सभी जानकारी सही पाई जाती है, तो तीन दिनों के भीतर राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
इस नई व्यवस्था से पीएफ से जुड़े लंबे इंतजार और कागज़ी प्रक्रियाओं का अंत होता दिख रहा है, और डिजिटल बदलाव की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित हो रहा है।
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