पवई में ड्रग्स गोदाम का भंडाफोड़: ₹44 करोड़ की एमडी ड्रग्स और केमिकल्स जब्त, मैसूरु फैक्ट्री रेड का कनेक्शन

मुंबई अगस्त 2025: मुंबई पुलिस ने एक अंतरराज्यीय ड्रग रैकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पवई स्थित एक गोदाम पर छापा मारा और वहां से ₹44 करोड़ मूल्य की मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग्स और रसायनों को जब्त किया। यह छापा हाल ही में कर्नाटक के मैसूरु में पकड़ी गई एक अवैध ड्रग फैक्ट्री के सिलसिले में मारा गया था।
यह कार्रवाई 30 जुलाई को साकीनाका पुलिस द्वारा की गई। पुलिस ने पवई के हिरानंदानी क्षेत्र स्थित ‘प्रथमेश गैलेक्सी’ की दुकान नंबर 9 में छापा मारकर 21.903 किलोग्राम एमडी ड्रग्स और उससे जुड़े केमिकल्स बरामद किए। यह गोदाम एक आवासीय इमारत के भूतल पर था, जहां दुकानों के ऊपर रिहायशी फ्लैट हैं। आरोपी ने आस-पास के दुकानदारों और सोसायटी के सदस्यों को बताया था कि वह रंगों का व्यापार करता है, जबकि हकीकत में वहां ड्रग्स और उपकरण छिपाकर रखे गए थे।
इस हालिया कार्रवाई के साथ ही पुलिस द्वारा जब्त ड्रग्स, केमिकल्स और उपकरणों की कुल कीमत अब ₹434 करोड़ तक पहुंच गई है, जिसमें पहले की गई ₹390 करोड़ की जब्ती भी शामिल है। यह राज्य में अब तक की सबसे बड़ी ड्रग कार्रवाइयों में से एक मानी जा रही है।
इस मामले की शुरुआत 24 अप्रैल 2025 को हुई थी, जब साकीनाका से 27 वर्षीय सादिक शेख को 52 ग्राम एमडी के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद जांच के दौरान मुंबई, गुजरात और मैसूरु से चार लोगों को और मैसूरु फैक्ट्री से चार अन्य को गिरफ्तार किया गया। 25 जुलाई को आरोपी सलीम शेख उर्फ 'स्लिम लंगड़ा' (45) ने फैक्ट्री का स्थान उजागर किया, जिसके बाद 26 जुलाई को मैसूरु के बेलावथा इलाके में फैक्ट्री पर छापा मारा गया।
इसके अलावा वसई के कामन गांव से ₹8 करोड़ की कीमत की 4.53 किलो एमडी ड्रग्स भी बरामद की गई।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से तीन पहले भी ड्रग्स से जुड़े मामलों में शामिल रहे हैं। एक आरोपी पर एनडीपीएस एक्ट के तहत 16 मामले दर्ज हैं, जिनमें मारपीट के मामले भी शामिल हैं।
जांच अधिकारी दयानंद वालावे ने बताया, "आरोपियों ने रंगों के व्यापार की आड़ में ड्रग्स का पूरा जखीरा छिपा रखा था। यह एक संगठित नेटवर्क है और इसमें और भी लोगों के शामिल होने की आशंका है।"
इस कार्रवाई का नेतृत्व पुलिस उपायुक्त दत्ता नलवडे कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जांच जारी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
यह मामला दिखाता है कि कैसे सिंथेटिक ड्रग्स का जाल मेट्रो शहरों में फैलता जा रहा है और इस पर रोक लगाने के लिए राज्यों के बीच समन्वय और सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
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