मुंबई | 3 सितंबर 2025 : मुंबई के ऐतिहासिक आज़ाद मैदान में चल रहा मराठा आरक्षण आंदोलन जैसे ही अपने पांचवें दिन समाप्त हुआ, वैसे ही बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने रातभर का एक बड़ा सफाई अभियान शुरू कर दिया। इस आंदोलन के दौरान हजारों की संख्या में महाराष्ट्र भर से प्रदर्शनकारी दक्षिण मुंबई में जमा हुए थे, जिससे न केवल ट्रैफिक और परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई, बल्कि आसपास के इलाकों में भी सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। आंदोलन का नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरंगे-पाटिल द्वारा किया गया था, जो मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं।

आंदोलन के शांतिपूर्वक समापन के साथ ही बीएमसी की टीम पूरी मुस्तैदी के साथ मैदान में उतर गई। 2 सितंबर की रात से शुरू हुआ यह सफाई अभियान 3 सितंबर की सुबह तक चला, जिसमें करीब 200 सफाईकर्मियों ने लगातार काम किया ताकि मैदान और इसके आसपास के इलाके फिर से पहले जैसे स्वच्छ और व्यवस्थित हो सकें। बीएमसी ने इस अभियान को सिर्फ एक सामान्य सफाई प्रक्रिया न मानते हुए, इसे एक बड़े नागरिक उत्तरदायित्व के रूप में निभाया।

आंदोलन के दौरान बीएमसी पहले से ही अतिरिक्त सुविधाओं की व्यवस्था कर चुकी थी, जिसमें सैकड़ों मोबाइल टॉयलेट, पानी के टैंकर, रोशनी के लिए फ्लडलाइट टावर और साफ-सफाई के लिए विशेष मशीनें शामिल थीं। मैदान में जुटी भारी भीड़ के लिए कुल 450 मोबाइल टॉयलेट लगाए गए थे, जिनमें से 100 आंदोलन के लिए अतिरिक्त जोड़े गए थे। सफाई के लिए सक्शन मशीनें, जेट स्प्रे सिस्टम और सड़कें धोने के लिए विशेष वाहनों की मदद ली गई। सफाईकर्मियों ने रातभर मैदान और सड़कों की धुलाई की, जबकि जगह-जगह कचरे के लिए 1,500 से अधिक प्लास्टिक बैग और डस्टबिन रखे गए थे।

प्रदूषण और संक्रमण से बचाव के लिए बीएमसी की ओर से करीब 100 किलो कीटनाशक और डिसइंफेक्टेंट पाउडर भी मैदान और शौचालयों के आसपास छिड़का गया। इसके साथ ही, पांच दिनों तक प्रदर्शनकारियों के लिए पीने के पानी की समुचित व्यवस्था भी की गई थी, जिसमें 26 टैंकर तैनात किए गए थे। बीएमसी की यह तत्परता और सुनियोजित व्यवस्था इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक नगरीय निकाय आपात स्थितियों में प्रभावी ढंग से कार्य कर सकता है।

आंदोलन के कारण मं‍त्रालय और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी और कई रूटों पर यातायात परिवर्तित करना पड़ा था। हालांकि, प्रदर्शन समाप्त होते ही बीएमसी ने जिस तरह त्वरित और व्यापक सफाई अभियान चलाकर आज़ाद मैदान और दक्षिण मुंबई के नागरिक जीवन को फिर से पटरी पर लाने का कार्य किया, वह प्रशंसनीय है।