रेलवे दुर्घटनाओं में 10 वर्षों में 44,682 मौतें, 13,940 शव अब भी बेवारस

विशेष संवाददाता, मुंबई | 23 जून 2025 : पश्चिम और मध्य रेलवे के उपनगरीय नेटवर्क पर बीते 10 वर्षों (2014 से 2024) के दौरान 44,682 लोगों की मौत विभिन्न रेल दुर्घटनाओं में हुई है। हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें से 13,940 मृतकों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है, जिनमें पश्चिम रेलवे से 8,416 और मध्य रेलवे से 5,524 शव शामिल हैं।
यह खुलासा सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. संतोष मेहता द्वारा सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी में हुआ है।
रेलवे पुलिस के अनुसार, हर रोज लाखों यात्री मुंबई की लोकल ट्रेनों में सफर करते हैं। ऐसे में ट्रैक पार करते समय, ट्रेन से गिरने या आत्महत्या जैसी घटनाओं में कई लोगों की जान चली जाती है।
मृत व्यक्तियों की जेब में मिले पहचान पत्र, मोबाइल फोन और अन्य कागजातों से उनकी पहचान की जाती है। यदि पहचान नहीं हो पाती है, तो शव को 10 दिनों तक शवगृह में रखा जाता है। बाद में DNA के लिए बाल, नाखून आदि के नमूने लेकर शव का अंतिम संस्कार कर दिया जाता है।
सामाजिक कार्यकर्ता समीर झवेरी की जनहित याचिका के बाद रेलवे पुलिस ने 2012 में "शोध" नामक पोर्टल शुरू किया था, जिसका उद्देश्य बेवारस शवों की जानकारी ऑनलाइन देना था। हालांकि, डॉ. संतोष मेहता का आरोप है कि यह पोर्टल पूरी तरह प्रभावी नहीं है और वारसों तक सही जानकारी नहीं पहुँच पा रही है।
रेलवे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नशे में रहने वाले लोग, भिक्षुक जैसे वर्ग के शवों की पहचान करना सबसे अधिक कठिन होता है।
2014 से 2024 तक की आंकड़ेवार स्थिति
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कुल रेल दुर्घटना मृतक: 44,682
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पश्चिम रेलवे: 25,846
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मध्य रेलवे: 18,836
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पहचान न हो सकने वाले शव: 13,940
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पश्चिम रेलवे: 8,416
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मध्य रेलवे: 5,524
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