नई दिल्ली, 4 जुलाई – अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ हफ्तों बाद, इस हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिजनों ने एयरलाइन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि एयर इंडिया उन्हें कानूनी फॉर्म भरने के लिए दबाव बना रही है, और धमकी दी जा रही है कि यदि वे फॉर्म नहीं भरते तो उन्हें मुआवज़ा नहीं मिलेगा।

यह दर्दनाक हादसा उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद हुआ, जिसमें 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई थी। अब, यूके स्थित कानूनी फर्म Stewarts, जो अहमदाबाद की नानावटी एंड नानावटी फर्म के साथ मिलकर काम कर रही है, ने कहा है कि एयर इंडिया परिजनों पर एक कठिन और कानूनी तकनीकी शब्दों से भरा फॉर्म भरवाने का दबाव बना रही है।

Stewarts ने बयान में कहा, “हमें जानकारी मिली है कि एयर इंडिया पीड़ित परिवारों से संपर्क कर रही है और उन्हें चेतावनी दे रही है कि जब तक वे प्रश्नावली नहीं भरेंगे, तब तक उन्हें कोई मुआवज़ा नहीं मिलेगा।” परिजनों को बिना किसी कानूनी सलाह के, तेज़ गर्मी में, जटिल दस्तावेज़ भरने के लिए मजबूर किया गया।

इस प्रश्नावली में कई ऐसे सवाल पूछे जा रहे हैं जिनका कानूनी महत्व है, लेकिन परिवारों को उन शब्दों और उनके प्रभावों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। इसके अलावा, परिजनों को मृतक पर उनकी वित्तीय निर्भरता दर्शाने वाले दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा गया, जिससे आशंका जताई जा रही है कि मुआवज़े की राशि को कम करने के लिए इन सूचनाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।

Stewarts ने बयान में कहा, “हम बेहद आहत और स्तब्ध हैं कि एयर इंडिया इस दुख की घड़ी में, जब परिवार अपने सबसे कमजोर दौर से गुजर रहे हैं, ऐसी दबाव की रणनीति अपना रही है।” फर्म ने अपने सभी क्लाइंट्स को फिलहाल यह फॉर्म न भरने की सलाह दी है।

Stewarts और नानावटी फर्म अब एयर इंडिया, विमान निर्माता बोइंग, और अन्य जिम्मेदार पक्षों के खिलाफ उचित मुआवज़े के लिए कानूनी कार्रवाई की योजना बना रहे हैं।

यह घटना एयर इंडिया की क्षति नियंत्रण और मानवीय संवेदनाओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की जा रही है।