नायगांव पुलिस का सराहनीय कार्य: 15 दिनों में आत्महत्या के प्रयास में जुटी तीन महिलाओं की जान बचाई

वसई: पिछले पंद्रह दिनों में नायगांव पुलिस ने आत्महत्या के प्रयास में जुटी तीन महिलाओं की जान बचाकर सराहनीय कार्य किया है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और 112 कंट्रोल रूम की तात्कालिक प्रतिक्रिया के चलते इन महिलाओं की जान बचाई जा सकी।
पहली घटना 18 सितंबर की सुबह 9 बजे के आसपास घटी। नायगांव के पेररानगर स्थित रेड रोज इमारत में रहने वाली 16 वर्षीय लड़की ने पंखे से दुपट्टा बांधकर आत्महत्या का प्रयास किया। 112 हेल्पलाइन पर सूचना मिलते ही पुलिस सिपाही संतोष घुगे तत्काल मौके पर पहुंचे। उन्होंने दरवाजा तोड़कर लड़की को आत्महत्या करने से रोका और काउंसलिंग कर उसकी जान बचाई। लड़की ने घर के विवाद के कारण यह कदम उठाया था।
दूसरी घटना 1 सितंबर को हुई। नक्षत्र प्राइड इमारत में रहने वाले एक दंपत्ति के बीच जोरदार झगड़ा चल रहा था। महिला के भाई ने उत्तर प्रदेश से 112 हेल्पलाइन पर कॉल कर मदद की गुहार लगाई। संतोष घुगे ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। 37 वर्षीय महिला 13वीं मंजिल से कूदने की कोशिश कर रही थी, लेकिन घुगे ने सूझ-बूझ दिखाते हुए उसे पकड़ लिया और उसकी जान बचाई।
तीसरी घटना 13 सितंबर को घटी। जूचंद्र स्थित म्हात्रेवाड़ी चॉल में 24 वर्षीय विवाहित महिला ने पारिवारिक विवाद के चलते फांसी लगाने का प्रयास किया। सहायक पुलिस निरीक्षक बालाराम पालकर मौके पर पहुंचे और महिला की गंभीर हालत को देखते हुए तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जिससे उसकी जान बच गई। तीन दिनों के इलाज के बाद महिला की हालत स्थिर हुई।
इन तीनों घटनाओं में नायगांव पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई ने तीन महिलाओं की जान बचाई। इस कार्य से समाज में पुलिस की तत्परता और सामाजिक जिम्मेदारी का एक उदाहरण पेश हुआ है।
What's Your Reaction?






