मुंबई में यातायात का महाजाम: एल्फिंस्टन ब्रिज ध्वस्तीकरण और सड़कों के अधूरे कामों ने बढ़ाई मुसीबत

मुंबई, 24 सितंबर 2025 — मंगलवार को मुंबई की सड़कों पर मानो अफरा-तफरी का आलम था। शहर के प्रमुख मार्गों पर वाहन रेंगते नजर आए और घंटों तक लोग जाम में फंसे रहे। इस गंभीर स्थिति की सबसे बड़ी वजह एल्फिंस्टन ब्रिज का बिना वैकल्पिक योजना के अचानक ध्वस्तीकरण रही, जिसके कारण दादर से लेकर माहिम और सायन तक यातायात पूरी तरह चरमरा गया।
मुंबई में पहले से ही सड़कों की खुदाई, अधूरे फ्लायओवर और ब्रिज प्रोजेक्ट्स की वजह से यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित है। टिळक ब्रिज का चौड़ीकरण पिछले 18 महीनों से अधूरा है, जबकि सायन-धरावी ब्रिज का काम भी ठप पड़ा है। इन सबके बीच मंत्रालय के सामने चल रही जल पाइपलाइन की मरम्मत ने भी दक्षिण मुंबई के कई रास्तों को संकरा कर दिया है।
मंगलवार को स्थिति और खराब तब हो गई जब नवरात्रि के पहले दिन महालक्ष्मी मंदिर में दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े। इसके चलते हाजी अली, वॉर्डन रोड, पेडर रोड और गेमदेवी रोड पर ट्रैफिक रेंगता रहा। ऑफिस समय में दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों और स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
वहीं, पश्चिमी एक्सप्रेस हाइवे पर भी जाम की स्थिति और गंभीर हो गई है। टैक्सी चालक रमणंद मिश्रा ने बताया, "मैं बीस सालों से टैक्सी चला रहा हूँ, लेकिन ऐसा यातायात मैंने कभी नहीं देखा। अब तो डर लगता है कि टैक्सी लेकर निकलूं या नहीं।" एक अन्य चालक, विश्वस माने, ने कहा कि घंटों ट्रैफिक में फंसने से उन्हें सिरदर्द की शिकायत रहने लगी है।
ट्रैफिक जाम का असर केवल आम नागरिकों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि एंबुलेंस और दमकल गाड़ियाँ भी घंटों तक जाम में फंसी रहीं। इससे आपातकालीन सेवाएं तक प्रभावित हो गई हैं, जो कि चिंता का गंभीर विषय है।
एल्फिंस्टन ब्रिज को गिराने का निर्णय प्रशासन की ओर से बिना वैकल्पिक रूट तैयार किए ही लिया गया, जिससे दादर, माटुंगा और माहिम में वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। नागरिकों और व्यापारियों का आरोप है कि टिळक ब्रिज का काम अधूरा पड़ा है, फिर भी एल्फिंस्टन ब्रिज को अचानक गिराना प्रशासन की सबसे बड़ी चूक है। इस इलाके के व्यापारी दशहरा और दिवाली जैसे बड़े त्योहारों के समय आने वाली भीड़ को लेकर बेहद चिंतित हैं।
दादर, शिवाजी पार्क, प्रभादेवी, शीतलादेवी मंदिर रोड और माहिम के स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने पुलिस आयुक्त और मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन की माँग की है। उनका कहना है कि अवैध हॉकर्स को हटाया जाए, फुटपाथों से अतिक्रमण हटे और मुख्य सड़कों से अनधिकृत पार्किंग हटाई जाए ताकि यातायात सुचारु हो सके।
दादर व्यापारी संघ के सचिव दीपक देवरूखकर ने कहा, "हमारी प्रमुख माँग है कि टिळक ब्रिज का कार्य तत्काल पूरा किया जाए और ट्रैफिक जाम से राहत देने के लिए तात्कालिक और ठोस उपाय किए जाएं।"
इस बीच, बुधवार सुबह गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड के लिए डिंडोशी में लाई गई एक टनल बोरिंग मशीन ने पश्चिमी उपनगरों में ट्रैफिक को और बदतर बना दिया। संयुक्त पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) अनिल कुंभारे ने जानकारी दी कि मशीन की वजह से कई घंटों तक वाहनों की कतारें लगी रहीं।
एल्फिंस्टन ब्रिज के बंद होने से करी रोड, लोअर परेल, सायन और लालबाग के पुलों पर भी भारी जाम की स्थिति बनी रही। सुबह और शाम के कार्यालय समय में यह जाम चरम पर पहुंच गया। दैनिक यात्रियों के लिए यह समय बेहद तनावपूर्ण और थकाऊ बन गया है।
मुंबई की इस ट्रैफिक समस्या ने न केवल शहर के नागरिकों की धैर्य की परीक्षा ली है, बल्कि प्रशासन की योजनाओं की खामियों को भी उजागर किया है। अब देखना यह होगा कि क्या आने वाले त्योहारों से पहले प्रशासन इस संकट से निपटने के लिए कोई प्रभावी कदम उठाता है या नहीं।
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