लालबाग के राजा के दर्शन में VIP और आम भक्तों के बीच भेदभाव पर विवाद
मुंबई : मुंबई के लालबाग के राजा के दर्शन को लेकर इस साल भी VIP संस्कृति और आम भक्तों के लिए हो रहे भेदभाव ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर साल लाखों की संख्या में भक्त लालबाग के राजा के दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन VIP और आम भक्तों के बीच व्यवस्थाओं को लेकर भारी अंतर देखा जा रहा है। जहाँ एक ओर आम भक्तों को घंटों लंबी लाइनों और धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर VIP लोगों को बिना किसी परेशानी के तुरंत दर्शन मिल रहे हैं।
लालबाग के राजा के दर्शन के लिए भक्त सुबह से ही लंबी कतारों में खड़े रहते हैं। कुछ भक्तों ने बताया कि वे 5 से 6 घंटे तक कतार में लगे रहे, वहीं VIP लोगों को अलग प्रवेश द्वार से सीधे दर्शन करने की सुविधा दी जा रही है। एक भक्त ने नाराजगी जताते हुए कहा, "हम घंटों कतार में खड़े रहकर दर्शन के लिए संघर्ष करते हैं, लेकिन VIP लोगों को सीधा दर्शन कराया जाता है। भगवान के दरबार में ये भेदभाव क्यों?"
हर साल गणेशोत्सव के दौरान लालबाग के राजा के पंडाल में यही नजारा देखा जाता है। आम भक्तों के लिए जहाँ लंबी कतारें और धक्का-मुक्की की स्थिति होती है, वहीं VIP लोगों को आराम से दर्शन करने का अवसर मिलता है। VIP संस्कृति ने गणेशभक्तों में निराशा और असंतोष की भावना पैदा कर दी है।
इस बार VIP दर्शन को लेकर भक्तों में नाराजगी और बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर भी इस भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है। कई लोगों ने इसे धार्मिक आस्था और समानता के खिलाफ बताया है। एक भक्त ने सोशल मीडिया पर लिखा, "भगवान गणपति सबके हैं, फिर ये VIP संस्कृति क्यों? पंडाल प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए।"
अब भक्तों की नजर पंडाल प्रशासन पर है कि वे इस VIP संस्कृति को खत्म करने के लिए क्या कदम उठाएंगे। आम भक्तों का कहना है कि भगवान के दरबार में सबको समान अधिकार मिलना चाहिए, और किसी के साथ भी विशेष व्यवहार नहीं होना चाहिए।
हर साल की तरह इस साल भी VIP और आम भक्तों के बीच दर्शन को लेकर भेदभाव का मुद्दा गरमाया हुआ है। क्या पंडाल प्रशासन इसे खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा, या भक्तों को फिर से निराशा का सामना करना पड़ेगा?
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