मुंबई, 17 जुलाई: मुंबई की लोकल ट्रेनों में होने वाली भीड़भाड़ और उससे जुड़ी दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल पर रिपोर्टिंग का समय आधे घंटे तक लचीला करने की घोषणा की है। इस फैसले की घोषणा राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान की।
सरनाईक ने बताया कि कर्मचारी अब सुबह आधे घंटे बाद कार्यालय पहुंच सकेंगे, लेकिन उन्हें यह छूट कार्यालय में 30 मिनट अतिरिक्त काम करके पूरी करनी होगी, ताकि उत्पादकता पर कोई असर न पड़े। यह पहल मुख्य रूप से पीक ऑवर्स (भीड़भाड़ के समय) के दौरान लोकल ट्रेनों पर दबाव को कम करने के लिए की गई है।
परिवहन मंत्री ने यह भी बताया कि पिछले तीन वर्षों में मुंबई की उपनगरीय रेल सेवाओं में 7,565 यात्रियों की मौत हुई है, जबकि 7,293 लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी उन्होंने भाजपा विधायक अतुल भातखलकर के एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए दी। मंत्री ने माना कि यह एक गंभीर स्थिति है और भीड़भाड़ इस समस्या की जड़ है।
सरनाईक ने कहा कि सरकार जल्द ही एक टास्क फोर्स गठित करेगी जो निजी क्षेत्र में भी इसी तरह की फ्लेक्सी टाइम व्यवस्था लागू करने की संभावनाओं पर काम करेगी। इससे पूरे शहर में यातायात का भार संतुलित किया जा सकेगा।
राज्य सरकार ने वैकल्पिक परिवहन साधनों को भी प्रोत्साहित करने की बात कही है। इसमें मेट्रो, बेस्ट बसें और प्रस्तावित जलमार्ग परिवहन जैसे पोर्ट टैक्सियों को शामिल किया गया है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जल्द ही इस विषय पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाने वाले हैं, जिसमें विशेष रूप से ट्रेन के खुले दरवाजों से गिरने वाले यात्रियों की बढ़ती घटनाओं पर चर्चा की जाएगी।
परिवहन मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह योजना केवल एक तात्कालिक उपाय नहीं है, बल्कि मुंबई की परिवहन व्यवस्था को अधिक सुरक्षित और सुगम बनाने की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है। यह छोटा सा बदलाव लाखों यात्रियों के लिए राहत लेकर आ सकता है जो रोज़ाना भीड़भरी लोकल ट्रेनों में सफर करते हैं।
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