देश भर में जन्माष्टमी पर हुआ 25 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार : महाराष्ट्र में मनाए जाते है सबसे बड़ी गोविंदा

देश भर में जन्माष्टमी पर हुआ 25 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार : महाराष्ट्र में मनाए जाते है सबसे बड़ी गोविंदा

मुंबई: कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्रीने बताया आज देश भर में जन्माष्टमी का त्यौहार बेहद धूम धाम से मनाया गया और देश भर के मंदिरों में कहाँ सजावट हुई तो वहीं दूसरी ओर लोगों ने भी अपने घरों के मंदिरों एवं पूजा स्थलों को सुंदर तरीक़े से सजाया । कैट के मुताबिक़ देश भर में जन्माष्टमी के मौक़े पर लगभग 25 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार हुआ ।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री तथा चाँदनी चौक से सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस बेहद महत्वपूर्ण त्यौहार पर हुए बड़े व्यापार में ख़ास तौर पर फूल, फल, मिठाई, भगवान की पोशाक, शृंगार का सामान, व्रत की मिठाइयाँ, दूध दही, माखन तथा ड्राई फ्रूट की बड़े पैमाने पर बिक्री हुई। जन्माष्टमी जैसे त्यौहार देश में सनातन अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है जिससे देश की अर्थव्यवस्था मज़बूत होती है ।

कैट  के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया ने बताया कि देश भर में जन्माष्टमी का त्यौहार बेहद उत्साह से मनाया गया । ख़ास तौर पर उत्तर एवं पश्चिम भारत में यह त्यौहार खूब उल्लास से मना। मंदिरों में खूब आकर्षक सजावट की गई तथा लोगों में दर्शन करने की भारी भीड़ हर तरफ़ दिखाई दे। उन्होंने बताया कि जन्माष्टमी त्यौहार का विशेष आकर्षण डिजिटल झांकियाँ, भगवान कृष्ण के साथ सेल्फ़ी पॉइंट,अन्य अनेक प्रकार की मनोरम झांकियाँ रहीं। बड़ी मात्रा में शहरों में भजन, धार्मिक नृत्य तथा संतों एवं महात्माओं के प्रवचनों का सिलसिला जारी रहा। बड़ी मात्रा में सामाजिक संगठनों ने बड़े स्तर पर जन्माष्टमी समारोह का आयोजन किया।

शंकर ठक्कर ने बताया महाराष्ट्र में जन्माष्टमी, दही हांडी यानी की गोविंदा का विशेष महत्व है हर नुक्कड़ गली में मटकी बांधी जाती है और उसे पर लाखों से लेकर करोड़ों रुपए तक के इनाम दिए जाते हैं। इन गोविंद टोलियों को हर साल अगले साल के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है यह भी एक बहुत बड़ा व्यापार का जरिया बनता है इन गोविंद पथको को टी-श र्ट, टोपिया, उनके आने-जाने के लिए ट्रक, टेंपो, मोटरसाइकिल जैसे वाहन भी उपलब्ध कराने होते हैं। और अन्य कई प्रकार की वस्तुएं की आवश्यकता होती है। कुल मिलाकर महाराष्ट्र में गोविंदा की बहुत ही धूम मचती है और करीब 3500 करोड़ का व्यापार होने की संभावना है।

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