भारत ने बांग्लादेश को दिया बड़ा झटका, प्लास्टिक और रेडिमेड कपड़ों समेत कई सामानों के आयात पर लगाई रोक

भारत ने बांग्लादेश को दिया बड़ा झटका, प्लास्टिक और रेडिमेड कपड़ों समेत कई सामानों के आयात पर लगाई रोक

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ कड़ा एक्शन का स्वागत करते हुए कहा भारत ने बांग्लादेश से पूर्वोत्तर क्षेत्र के जमीनी रास्तों से रेडिमेड कपड़ों, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों जैसे कुछ सामानों के आयात पर शनिवार को प्रतिबंध लगा दिए हैं। केवल न्हावा शेवा (जवाहरलाल नेहरू पोर्ट, नवी मुंबई) और कोलकाता समुद्री बंदरगाहों के माध्यम से आयात की अनुमति होगी। वाणिज्य मंत्रालय के तहत कार्यरत विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। हालांकि, यह प्रतिबंध उन बांग्लादेशी सामानों पर लागू नहीं होगा जो भारत के रास्ते नेपाल और भूटान भेजे जाएंगे।

इन परिवर्तनों के लिए देश की आयात नीति में एक नया पैराग्राफ जोड़ा गया है, जो बांग्लादेश से भारत में इन वस्तुओं के आयात को तत्काल प्रभाव से विनियमित करेगा। इससे पहले भारत ने बांग्लादेश को दी गई ट्रांसशिपमेंट सुविधा नौ अप्रैल को वापस ले ली थी। इस फैसले के बादनेपाल तथा भूटान को छोड़कर अन्य देशों को बांग्लादेश भारत के रास्ते सामानों का निर्यात नहीं कर सकता। बताया जा रहा है कि यह निर्णय बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस द्वारा हाल ही में चीन में दिए गए विवादास्पद बयान के संदर्भ में लिया गया है। चीन में युनूस ने कहा था कि भारत के सात पूर्वोत्तर राज्य, जो बांग्लादेश के साथ लगभग 1,600 किमी की सीमा साझा करते हैं के पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।

समुद्री रास्ते के लिए भारत के ये राज्य बांग्लादेश पर निर्भर हैं। युनूस ने यह भी कहा था कि बांग्लादेश इस क्षेत्र में हिंद महासागर का एकमात्र संरक्षक है। यूनुस ने चीन को बांग्लादेश के माध्यम से दुनियाभर में माल भेजने के लिए भी आमंत्रित किया था। युनूस के इस बड़बोलेपन को भारत ने बेहद गंभीरता से लिया है। बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के तख्तापलट के बाद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में हिंदुओं पर लगातार अत्याचार एवं हमले हो रहे हैं। यूनुस लगातार भारत विरोधी कदम उठा रहे है और चीन पाकिस्तान से करीबी बढ़ा रहे हैं। इस कारण दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हो रहे हैं। 2023 में भारत-बांग्लादेश व्यापार 12.9 अरब अमेरिकी डॉलर था।

अधिसूचना में कहा गया है कि फलों, फलों के स्वाद या फ्लेवर वाले और कार्बोनेटेड पेय, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (स्नैक्स, चिप्स और मिठाई), कपास और कपास के धागे का कचरा, प्लास्टिक और पीवीसी से तैयार सामान, रंग, और लकड़ी के फर्नीचर समेत बांग्लादेश से आयातित वस्तुओं को असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में किसी भी भूमि सीमा शुल्क स्टेशन (एलसीएस) और एकीकृत चेक पोस्ट (आइसीपी) के माध्यम से अनुमति नहीं दी जाएगी। बंगाल में चांगराबंधा और फुलबाड़ी एलसीएस के माध्यम से भी आयात की अनुमति नहीं होगी। दोनों देशों के बीच व्यापार के लिए भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में 11 भूमि टांजिट केंद्र हैं। 

इनमें से तीन असम में, दो मेघालय में और छह त्रिपुरा में हैं। मछली, एलपीजी, खाद्य तेल और क्रश्ड स्टोन के आयात पर ये प्रतिबंध लागू नहीं होंगे। भारत ने इससे पहले बांग्लादेश पर कार्रवाई करते हुए ट्रांसशिपमेंट सुविधा वापस ली थी। बांग्लादेश को यह सुविधा जून 2020 में दी गई थी। इसके तहत बांग्लादेश दिल्ली हवाईअड्डे सहित कई भारतीय बंदरगाहों और हवाईअड्डों का उपयोग करके अपने सामान को पश्चिम एशिया, यूरोप और कई अन्य देशों में भेज सकता था। *शंकर ठक्कर ने आगे कहा बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार आने के बाद लगातार भारत के विरुद्ध कार्य किये जा रहे हैं एवं वहां पर रहने वाले हिंदू भाइयों को प्रताड़ित किया जा रहा है इसके लिए बांग्लादेश को सबक सीखने की आवश्यकता थी ऐसे वक्त में भारत सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का हम स्वागत करते हैं।

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