मुंबई में ताइवान का नया कार्यालय: चीन का विरोध और भारत की प्रतिक्रिया

मुंबई: मुंबई में ताइवान के ताइपे आर्थिक एवं सांस्कृतिक केंद्र (टीईसीसी) के हाल में उद्घाटन के बाद चीन ने भारत के सामने राजनयिक स्तर पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा है कि ताइवान चीन का एक अविभाज्य हिस्सा है और उन्होंने भारत से आग्रह किया कि वह ताइवान से संबंधित मुद्दों को विवेकपूर्ण तरीके से सुलझाए।
17 अक्टूबर 2024 को मुंबई में टीईसीसी का उद्घाटन हुआ, जिससे भारत में ताइवान के कार्यालयों की संख्या तीन हो गई। इससे पहले ताइवान के कार्यालय दिल्ली और चेन्नई में स्थापित किए गए थे। नए कार्यालय का उद्देश्य महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और गोवा के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश दादर नगर हवेली में सेवाएं प्रदान करना है।
चीन के विदेश मंत्रालय ने ताइवान के साथ किसी भी आधिकारिक बातचीत के खिलाफ चेतावनी दी है। माओ निंग ने कहा, “चीन अपने साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों और ताइवान के बीच किसी भी प्रकार के आधिकारिक संपर्क का कड़ा विरोध करता है।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धताओं का पालन करना चाहिए, ताकि चीन-भारत संबंधों में सुधार की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न न हो।
भारत और ताइवान के बीच इस नए विकास पर नजरें टिकी हुई हैं, खासकर इस संदर्भ में कि क्या यह भारत-चीन संबंधों को प्रभावित करेगा। भारतीय अधिकारियों ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह स्पष्ट है कि ताइवान के प्रति भारत की रुचि और संबंध तेजी से बढ़ रहे हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि यह स्थिति भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक अवसर हो सकती है, लेकिन चीन की ओर से ऐसे मुद्दों पर गंभीर प्रतिक्रियाओं को भी ध्यान में रखना होगा।
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