मुंब्रा ट्रेन हादसे पर गरजे मनसे नेता अविनाश जाधव, रेलवे से पूछा – ‘क्या रेल में मरने वालों का सिंदूर नहीं था?’

मुंब्रा ट्रेन हादसे पर गरजे मनसे नेता अविनाश जाधव, रेलवे से पूछा – ‘क्या रेल में मरने वालों का सिंदूर नहीं था?’

ठाणे : मुंब्रा ट्रेन हादसे को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता अविनाश जाधव ने रेलवे प्रशासन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश में जितने लोग दंगों में नहीं मरते, उससे कहीं ज्यादा लोग रेलवे हादसों में जान गंवा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद रेलवे प्रशासन गंभीर नहीं है।

मनसे नेता ने सवाल उठाया, “क्या जो लोग रेलवे में मरते हैं, उनका सिंदूर नहीं होता? क्या उनकी जान की कोई कीमत नहीं है?” जाधव ने केंद्र सरकार और रेलवे मंत्रालय से पूछा कि जब देशभर में रेलवे बोर्ड्स बनाए जा सकते हैं, तो फिर मुंबई के लिए एक स्वतंत्र ‘मुंबई रेलवे बोर्ड’ क्यों नहीं बन सकता?

अविनाश जाधव ने बताया कि 10 साल पहले ठाणे स्टेशन से रोजाना करीब 2 लाख लोग यात्रा करते थे, जबकि आज यह संख्या 16 लाख तक पहुंच चुकी है। लेकिन रेलवे सुविधाएं जस की तस हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे की कमाई तो बढ़ रही है, लेकिन यात्री सुरक्षा और व्यवस्थाएं पूरी तरह उपेक्षित हैं।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “कश्मीर में चिनाब ब्रिज बनाने के लिए इंजीनियर हैं, लेकिन मुंबई में कौन सी ट्रेन कहां मुड़ती है, कितनी दूरी तय करती है, इसकी जानकारी रेलवे को नहीं है।”

मनसे ने सौंपी मांगों की सूची

मनसे ने रेलवे को एक पत्र सौंपकर अपनी मांगें भी प्रस्तुत की हैं, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:

  • संभावित दुर्घटनाओं को लेकर पहले से क्या कार्रवाई की गई, उसकी लिखित जानकारी दी जाए।

  • लोकल ट्रेनों में बैठने की क्षमता और यात्रियों की वास्तविक संख्या का आंकड़ा प्रस्तुत किया जाए।

  • दिवा से सीएसएमटी तक लोकल सेवाएं शुरू करने में आ रही अड़चनों की जानकारी दी जाए।

  • रेल हादसों में मिलने वाला मुआवजा बढ़ाकर 25 लाख रुपये किया जाए।

  • पिछले 15 वर्षों में हुई 45,000 यात्रियों की मौत के मामलों में से 8,000 मुआवजा केस अब भी लंबित हैं, इसका कारण बताया जाए।

  • यह स्पष्ट किया जाए कि एक कोच में अधिकतम कितने यात्रियों को अनुमति है।

  • मुंबई लोकल सेवा की मासिक आय और खर्च का ब्यौरा प्रस्तुत किया जाए।

  • स्वतंत्र ‘मुंबई लोकल बोर्ड’ की स्थापना पर रेलवे का रुख स्पष्ट किया जाए।

  • राज ठाकरे के सुझावों के अनुरूप ट्रेन के प्रवेश और निकास की पृथक व्यवस्था के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी जाए।

मनसे के आंदोलन को देखते हुए ठाणे स्टेशन पर पुलिस ने कड़ा बंदोबस्त किया था, लेकिन इसके बावजूद मनसे कार्यकर्ताओं ने अपनी आवाज बुलंद की और रेलवे की लापरवाही को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

अविनाश जाधव ने अंत में कहा कि “रेलवे की लापरवाही से हो रही मौतें अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। हमारी मांगें जायज़ हैं और जब तक समाधान नहीं मिलता, तब तक मनसे का आंदोलन जारी रहेगा।”

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