ऐरोली कटाई नाका रोड प्रोजेक्ट: तीसरे चरण का काम जल्द शुरू, पहले दो चरण अगले साल अक्टूबर तक खोले जाएंगे।

मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवेलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) ने बहुप्रतीक्षित ऐरोली कटाई नाका रोड प्रोजेक्ट के तीसरे चरण की शुरुआत के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। इस परियोजना के तहत, नेशनल हाइवे (NH-4) से कटाई नाका तक एक ऊंचा मार्ग (एलीवेटेड रोड) बनाया जाएगा, जो यात्रियों के लिए सफर को आसान और तेज बनाएगा MMRDA के अनुसार, हाल ही में इस चरण के लिए ठेका सौंपा गया है और निर्माण कार्य के लिए ठेकेदार सर्वे और भूवैज्ञानिक जांच जैसी प्रारंभिक प्रक्रियाओं को जल्द ही शुरू करेगा। इस चरण की कुल लागत 1981.17 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है, और इसे 48 महीनों में पूरा किया जाएगा।
पहले और दूसरे चरण का कार्य प्रगति पर
प्रोजेक्ट के पहले और दूसरे चरण का निर्माण कार्य भी जोर-शोर से चल रहा है। पहले चरण में ठाणे बेलापुर रोड से NH-4 तक 3.43 किलोमीटर लंबा एक ऊंचा और ट्विन टनल रोड बन रहा है। इसके ऊंचे मार्ग का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है, और टनल का काम 90% तक संपन्न हो चुका है। पहले चरण की लागत 556 करोड़ रुपये है।
दूसरे चरण में ऐरोली ब्रिज से ठाणे बेलापुर रोड तक एक ऊंचा मार्ग बनाने का काम जारी है। इसका काम लगभग 75% पूरा हो चुका है और इसकी लागत 395 करोड़ रुपये है।
यात्रा में होगी महत्वपूर्ण सुधार
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में यातायात की गति को बढ़ाना और भीड़-भाड़ वाली सड़कों पर दबाव को कम करना है। परियोजना की पूरी लंबाई 12.3 किलोमीटर होगी, जो मुलुंड से ऐरोली ब्रिज होते हुए, ठाणे बेलापुर रोड, NH-4 (पुराना) और कटाई नाका-बदलापुर रोड को जोड़ते हुए कालीयान-शिल रोड से होकर कटाई नाका तक पहुंचेगी। संपूर्ण प्रोजेक्ट के पूरा होने पर, मुलुंड से कटाई नाका तक की यात्रा में लगभग सात से आठ किलोमीटर की कमी आएगी, जिससे यात्रियों को पीक ट्रैफिक घंटों में लगभग 45 मिनट से 1 घंटे की समय बचत होगी। साथ ही, ठाणे बेलापुर रोड, महापे रोड, शिलफाटा और कालीयान फाटा जंक्शन पर ट्रैफिक जाम की समस्या में भी कमी आएगी।
MMRDA का दृष्टिकोण
MMRDA के आयुक्त, डॉ. संजय मुखर्जी ने कहा, "ऐरोली-कटाई नाका रोड प्रोजेक्ट मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और यातायात को सुगम बनाने के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना से न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि ईंधन की खपत भी कम होगी और प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक की भीड़ में कमी आएगी।" इस परियोजना से न केवल मुंबई से कालीयान और बदलापुर जाने वाले यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि पूरे क्षेत्र के यातायात को सुधारने में भी मदद मिलेगी, जिससे यह प्रोजेक्ट क्षेत्रीय विकास और स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बनकर उभरेगा।
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