बुनियादी सुविधाओं से वंचित मलवाड़ी के आदिवासियों का नदी में विरोध प्रदर्शन; अधिकारियों ने 48 घंटे में कार्रवाई का दिया आश्वासन

पेन (महाराष्ट्र), 13 मई : रायगढ़ जिले के पेन तालुका स्थित अंबिवली समूह ग्राम पंचायत के अंतर्गत मलवाड़ी पाडा के दर्जनों आदिवासी परिवारों ने मंगलवार को बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर 'जल समाधि' आंदोलन किया। यह अनोखा विरोध भोगवती नदी के तल में किया गया, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने पेयजल और पक्की सड़क जैसी ज़रूरी सुविधाएं जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की मांग की।
यह विरोध ग्राम संवर्धन सामाजिक संस्था और सामाजिक कार्यकर्ता संतोष ठाकुर के नेतृत्व में आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 में जल जीवन मिशन के तहत ₹45 लाख की जल परियोजना स्वीकृत की गई थी, वहीं सड़क निर्माण का कार्यादेश सितंबर 2024 में जारी हुआ था — लेकिन आज तक दोनों योजनाओं पर कोई ठोस काम नहीं हुआ है। उन्होंने इसे प्रशासनिक लापरवाही और ठेकेदारों की निष्क्रियता बताया।
गांव की महिलाओं ने बताया कि उन्हें प्रतिदिन दो किलोमीटर तक चलकर जंगलों या पोखरों से असुरक्षित पानी लाना पड़ता है, जिससे वे अपने रोज़गार के घंटों की बलि देती हैं। इसके अलावा सड़क न होने की वजह से कई बार जान भी जोखिम में पड़ चुकी है — हाल ही में एक गर्भवती महिला को समय पर अस्पताल न पहुंचाने के कारण उसका गर्भस्थ शिशु नहीं बच पाया।
प्रदर्शन की गंभीरता को देखते हुए पेन तहसीलदार तानाजी शेजाल, बीडीओ अविनाश घराट, जिला परिषद अभियंता रवि पचपोरे व रमेश राठौड़, तथा लोक निर्माण विभाग के अभियंता दामोदर पाटिल ने स्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगले 48 घंटों में स्थायी जल आपूर्ति व्यवस्था शुरू की जाएगी और सड़क निर्माण कार्य 16 मई से आरंभ होगा।
संतोष ठाकुर ने कहा, “हमने फिलहाल आंदोलन को स्थगित किया है, लेकिन यदि प्रशासन ने अपने वादे पूरे नहीं किए तो हम पीडब्ल्यूडी और जल आपूर्ति विभाग के कार्यालयों को तालाबंद कर देंगे।”
इस आंदोलन में सामाजिक कार्यकर्ता मानसी पाटिल, नंदा म्हात्रे, सचिन गावंड, विशाल पवार, किशोर पाटिल और अनेक ग्रामीणों ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी सरकार आदिवासी समुदाय को उनकी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल रही है।
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