कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया कैट 22 अप्रैल को कंस्टीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है, जिसका विषय है – क्विक कॉमर्स और ई-कॉमर्स का क्रूर चेहरा।” यह सम्मेलन ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (ऐमरा) और ऑल इंडिया कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन (एआईसीपीडीएफ ) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इस उच्चस्तरीय सम्मेलन में देशभर के व्यापारिक नेता, नीति विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री और संबंधित हितधारक शामिल होंगे, जो डिजिटल कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के कारण पारंपरिक व्यापार प्रणाली पर मंडरा रहे गंभीर खतरों और अनैतिक व्यापारिक गतिविधियों को उजागर करेंगे।
कभी सुविधाजनक और आधुनिक व्यापार प्रणाली मानी जाने वाली क्विक कॉमर्स और ई-कॉमर्स अब अपने शोषणकारी स्वरूप को सामने ला रही हैं — अनुचित मूल्य छूट, उपभोक्ताओं के व्यवहार में हेरफेर, एफडीआई नियमों का उल्लंघन, छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को हाशिए पर धकेलना जैसे गंभीर मुद्दे उभर कर सामने आ रहे हैं। इन प्लेटफॉर्म्स की अनियंत्रित वृद्धि न केवल व्यापार को नुकसान पहुँचा रही है, बल्कि देश की सामाजिक-आर्थिक संरचना को भी प्रभावित कर रही है।
सम्मेलन में उठाए जाने वाले प्रमुख मुद्दे:
• भारी छूट के माध्यम से उपभोक्ताओं के व्यवहार में हेरफेर
• एफडीआई नियमों और सरकारी नीतियों का लगातार उल्लंघन
• छोटे व्यापारियों और रिटेलरों की उपेक्षा और विस्थापन
• डिलीवरी स्टाफ के लिए अमानवीय और शोषणकारी कार्य स्थितियाँ
• ई-कॉमर्स नीति में पारदर्शिता और निष्पक्षता की आवश्यकता
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा:
“अब वक्त आ गया है कि क्विक कॉमर्स और ई-कॉमर्स के काले सच को देश के सामने लाया जाए। उपभोक्ता जहाँ एक ओर कथित सुविधा देखता है, वहीं व्यापारी बर्बादी झेल रहा है। दूसरी ओर, डिलीवरी कर्मियों को कम समयसीमा में ऑर्डर पूरा करने के दबाव में शारीरिक और मानसिक यातनाओं से गुजरना पड़ता है।
सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई ) का इस्तेमाल एक आर्थिक हथियार की तरह किया जा रहा है। बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां इस निवेश के माध्यम से लागत से कम दामों पर सामान बेच रही हैं, लेकिन देश में कोई परिसंपत्ति निर्माण नहीं कर रही हैं, जो सरकार की एफडीआई नीति का स्पष्ट उल्लंघन है।”
इस सम्मेलन के माध्यम से कैट एक सच्ची और तथ्यात्मक तस्वीर प्रस्तुत करेगा और सरकार से त्वरित नीतिगत हस्तक्षेप का आग्रह करेगा।
शंकर ठक्कर ने आगे कहा सम्मेलन में एक नीतिगत प्रस्ताव पारित किया जाएगा, जिसमें पारंपरिक व्यापार की सुरक्षा, बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने, और क्विक कॉमर्स से जुड़े कर्मचारियों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा हेतु ठोस नियामक उपायों की मांग की जाएगी।