महाराष्ट्र में बिजली दरों में ऐतिहासिक कटौती, उपभोक्ताओं को मिलेगी 10% से 26% तक राहत

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मुंबई – महाराष्ट्र में बिजली उपभोक्ताओं को एक बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार ने पहली बार चरणबद्ध तरीके से बिजली दरों में कटौती की घोषणा की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ऐलान किया कि आगामी पांच वर्षों में बिजली दरों में कुल 26% तक की कमी की जाएगी, जबकि पहले ही वर्ष में यह कटौती 10% तक की होगी।
यह निर्णय राज्य के इतिहास में अभूतपूर्व बताया जा रहा है, जिसमें घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक सभी प्रकार के उपभोक्ताओं को फायदा होगा। इस साहसी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं ऊर्जा मंत्री को धन्यवाद देते हुए अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैट के राष्ट्रीय मंत्री शंकर ठक्कर ने कहा, "महाराष्ट्र में बिजली दरें लंबे समय से अन्य राज्यों की तुलना में अधिक थीं, जिससे उद्योग एवं व्यापार को काफी नुकसान हो रहा था। यह निर्णय राज्य को आर्थिक दृष्टि से मजबूती देगा और पलायन कर रहे उद्योगों को पुनः आकर्षित करेगा।"
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि यह निर्णय महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग (MERC) की स्वीकृति के बाद लिया गया है, और महावितरण कंपनी ने पहली बार खुद बिजली दरों में कटौती की सिफारिश की थी। उन्होंने कहा, “अब तक हर साल दरें बढ़ाने की याचिकाएं आती थीं, लेकिन पहली बार हमने जनता पर बोझ घटाने का प्रयास किया है।”राज्य में लगभग 70% उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनकी मासिक बिजली खपत 100 यूनिट से कम है। ऐसे उपभोक्ताओं को नई दरों से 10% तक की सीधी राहत मिलेगी। एक अनुमान के अनुसार, प्रति माह 90 यूनिट इस्तेमाल करने वाले परिवार को ₹50-₹100 की मासिक बचत हो सकती है।
छोटे एवं मध्यम उद्योगों को कम बिजली लागत से प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा, जिससे उत्पादन लागत कम होगी और राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। यह ऊर्जा-गहन क्षेत्रों जैसे निर्माण, विनिर्माण और सेवाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा।
शंकर ठक्कर ने कहा कि बिजली दरों में यह संतुलन महाराष्ट्र को निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाएगा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि केंद्र सरकार को छोटे उद्योगों के लिए बिजली में अतिरिक्त सब्सिडी देनी चाहिए और स्मार्ट मीटर योजना पर भी पुनर्विचार करना चाहिए।
यह फैसला न केवल उपभोक्ताओं के लिए राहत का सबब है, बल्कि महाराष्ट्र की आर्थिक प्रगति में एक नया अध्याय भी साबित हो सकता है। यह राज्य सरकार की दूरदर्शिता और आम जनता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।