मुंबई में 55 करोड़ का मिथी नदी घोटाला उजागर, EOW ने दर्ज की पहली FIR, कई ठिकानों पर छापेमारी

मुंबई में 55 करोड़ का मिथी नदी घोटाला उजागर, EOW ने दर्ज की पहली FIR, कई ठिकानों पर छापेमारी

मुंबई: मुंबई की जीवनरेखा कही जाने वाली मिथी नदी की सफाई परियोजना में भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस कथित घोटाले में पहली एफआईआर दर्ज करते हुए मंगलवार, 6 मई को बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) के ठेकेदारों से जुड़े कम से कम 8 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई विशेष जांच टीम (SIT) की रिपोर्ट के आधार पर की गई है, जिसे महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र में भाजपा के विधान परिषद सदस्यों प्रवीण डेरेकर और प्रसाद लाड द्वारा उठाए गए मुद्दों के बाद गठित किया गया था।

मिथी नदी सफाई परियोजना वर्ष 2005 में मुंबई में आई भीषण बाढ़ के बाद शुरू की गई थी। नदी की लंबाई 17.84 किलोमीटर है और इसे बीएमसी तथा मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) के बीच बांटकर साफ करने का कार्य सौंपा गया था। अब तक इस परियोजना पर ₹1,300 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं, फिर भी कार्य अधूरा है। आरोप है कि सफाई के नाम पर कागजों पर MoU (समझौता ज्ञापन) बनाए गए, मलबा हटाने का काम अधूरा रहा और खर्चों का हिसाब किताब गड़बड़ था।

FIR में पांच ठेकेदारों और तीन बीएमसी अधिकारियों के नाम दर्ज हैं। आरोप है कि इन्होंने फर्जी MoU पर हस्ताक्षर कर करीब ₹55 करोड़ की वित्तीय हेराफेरी की है। जिन तीन ठेकेदारों को समन जारी किया गया है, उनके नाम हैं – कैलाश कंस्ट्रक्शन के काशिवाल, एक्यूट एंटरप्रायज़ेज़ के ऋषभ जैन, और मनीदीप एंटरप्रायज़ेज़ के शेर सिंह।

EOW की विशेष जांच टीम, जिसके प्रमुख संयुक्त पुलिस आयुक्त वी. डी. मिश्रा हैं, अब ठेके, मलबा हटाने की प्रक्रिया, भुगतान की वैधता और कार्य की गुणवत्ता की गहराई से जांच करेगी। SIT बीएमसी और MMRDA दोनों से संबंधित दस्तावेज़ों और लेन-देन की जांच कर रही है।

यह मुंबई में नागरिक निर्माण कार्यों से जुड़े मामलों में EOW की छठी SIT है। भाजपा के MLCs द्वारा इस मुद्दे को उठाने के बाद राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई की जा रही है। जनता और विपक्षी दलों ने इस घोटाले की कड़ी निंदा की है और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।

मिथी नदी सफाई परियोजना में हुए इस घोटाले ने मुंबई के बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक धन के उपयोग को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आने वाले समय में जांच के और गहरे होते ही कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

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