उत्तर बंगाल में बाढ़ और बारिश से 500 करोड़ का नुकसान

कोलकाता : पिछले कुछ दिनों से जारी लगातार बारिश के कारण उत्तर बंगाल के पहाड़ी इलाकों में भारी भूस्खलन हुआ है, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। खासकर 10 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग, जो सिक्किम और कलिम्पोंग की जीवन रेखा मानी जाती है, तिस्ता नदी में धीरे-धीरे समा रहा है। इस आपदा के कारण अब तक लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। क्षेत्र की पर्यटन उद्योग से जुड़ी संस्थाओं ने मुख्यमंत्री से क्षेत्र का दौरा करने और हालात का जायजा लेने का अनुरोध किया है।
पर्यटन से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि 29 जून से ही 10 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद है, जिससे पर्यटन व्यवसाय को बड़ा झटका लगा है। उनका दावा है कि इस सड़क को बचाने के लिए कई योजनाएं बनाई गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस वजह से सड़क के किनारे तिस्ता नदी के पास की भूमि लगातार कट रही है, जिससे सड़क का बड़ा हिस्सा खतरे में है।
हिमालयन हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म डेवेलपमेंट नेटवर्क के सचिव सम्राट सैनल ने बताया कि जून से अब तक पर्यटन उद्योग को 500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 10 का कोई विकल्प नहीं है। इस सड़क को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर योजना की जरूरत है, नहीं तो भविष्य में यह क्षेत्र आर्थिक रूप से तबाह हो जाएगा। हम मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे आकर इस क्षेत्र का दौरा करें और स्थानीय लोगों की समस्याओं को समझें।
लगातार बारिश से बिगड़े हालात
गुरुवार सुबह कलिम्पोंग जिले के मेली बाजार के पास भूस्खलन हुआ, जिसके बाद शुक्रवार सुबह दार्जिलिंग के मिरिक, घुम, सुखिया पोखरी रोड पर फिर से भूस्खलन हुआ। कई घरों को भी नुकसान पहुंचा है। लोअर सिटोंग के डेयरी गांव में भी भारी भूस्खलन की खबरें आई हैं। इसके अलावा दार्जिलिंग के सिंगमारी और अन्य स्थानों पर भी भूस्खलन से सड़कें प्रभावित हुई हैं।
प्रशासन ने 10 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग के कई हिस्सों पर चेतावनी जारी की है और कई जगहों पर सड़कें बंद कर दी गई हैं। कलिम्पोंग जिले में सिंथाम-रंगपो रोड के 20 मील के इलाके में पहाड़ से बड़े पत्थर गिरने के कारण प्रशासन ने वहां यातायात को रोक दिया है।
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