चाइनीज मांजा बनी मौत की वजह: 700+ पक्षी घायल, हजारों की जान गई

चाइनीज मांजा बनी मौत की वजह: 700+ पक्षी घायल, हजारों की जान गई

विरार: मकरसंक्रांति के दौरान पतंगबाजी का शौक एक बार फिर निर्दोष पक्षियों और इंसानों के लिए खतरनाक साबित हुआ। एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया के मानद पशु कल्याण प्रतिनिधि और करुणा ट्रस्ट विरार के ट्रस्टी मीतेश जैन ने जानकारी दी कि इस बार भी कई पक्षियों को "फ्री बर्ड मेडिकल कैंप" में इलाज की जरूरत पड़ी।

मीतेश जैन और उनकी टीम ने 14 और 15 जनवरी को करुणा ट्रस्ट विरार के तहत आयोजित मेडिकल कैंप में 19 घायल पक्षियों का रेस्क्यू किया। इनमें से 5 कबूतरों की मौत हो गई, जबकि 4 पक्षियों को ठीक कर उड़ाया गया। पूरे मुंबई में 25 से अधिक जगहों पर ऐसे कैंप आयोजित किए गए, जिनमें 700 से ज्यादा पक्षियों का इलाज हुआ, लेकिन हजारों की जान नहीं बच पाई।

मुख्य रूप से घायल पक्षी कहाँ से मिले?
सबसे ज्यादा मामले दहिसर, बोरिवली, कांदिवली और मलाड जैसे इलाकों से आए, जहां 500 से अधिक घायल पक्षियों को बचाया गया।

चाइनीज मांजा और उसकी समस्या:
चाइनीज मांजा के प्रतिबंध के बावजूद, यह अभी भी कई जगहों पर धड़ल्ले से बिक रहा है। मीतेश जैन के अनुसार, इसके इस्तेमाल से केवल पक्षी ही नहीं, इंसान भी घायल हो रहे हैं। इस मुद्दे पर पक्षी प्रेमियों में काफी नाराजगी है।

जागरूकता और राहत:
संस्थाओं के प्रयास, जागरूकता अभियान, और सोशल मीडिया पर फैले संदेशों के चलते अब घायल पक्षियों की संख्या पहले के मुकाबले कम हो रही है। मीतेश जैन का कहना है कि मकरसंक्रांति मनाने के लिए पतंग उड़ाना ज़रूरी नहीं है। यह त्योहार मिठाई, तिल, और खुशियों के साथ भी मनाया जा सकता है, बिना किसी को चोट पहुंचाए।

संपर्क करें:

  • मीतेश जैन राठौड़, मानद पशु कल्याण प्रतिनिधि

  • करुणा ट्रस्ट विरार (NGO)

  • मो.: 9819477042

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