ठाणे जिले में 15 बाल विवाह रोके गए: शिक्षा और गरीबी मुख्य कारण

ठाणे: बाल विवाह उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, ठाणे जिले में पिछले वर्ष में 15 बाल विवाह रोके गए, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक संख्या है। इन मामलों में अधिकांश लड़कियां 13 से 17 वर्ष की थीं, जिन्होंने गरीबी और सुरक्षा चिंताओं के कारण अपनी शिक्षा छोड़ दी थी, जिससे उनके परिवारों ने उनका जल्द विवाह करने का विचार किया।
15 मामलों में से 12 मामले शाहपुर और मुरबाड जैसे आदिवासी बहुल तालुका क्षेत्रों में सामने आए, जबकि बाकी मामले टिटवाला, भिवंडी और नवी मुंबई जैसे शहरी इलाकों में दर्ज किए गए। इन विवाहों को रोकने के प्रयास अंतिम क्षणों तक किए गए, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।
सुरक्षित शिक्षा: एक महत्वपूर्ण आवश्यकता
श्रमिक मुक्ति संगठन की इंद्वी तुलपुले ने बताया कि बाल विवाह के मामलों में सुरक्षित शिक्षा की कमी एक बड़ा योगदान करती है। उन्होंने लड़कियों को सुरक्षित वातावरण में अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की।
जन-जागरूकता अभियान
ठाणे जिला महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और महाराष्ट्र सोशल डेवलपमेंट ट्रस्ट के साथ मिलकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जागरूकता अभियान शुरू किया है। 'चित्ररथ' जैसे माध्यमों के जरिए यह अभियान बाल विवाह रोकने के लिए चाइल्ड लाइन 1098 पर रिपोर्ट करने की अहमियत को बढ़ावा देता है।
वर्षों में रोके गए बाल विवाह:
2020: 4
2021: 8
2022: 5
2023: 7
2024: 15 (फरवरी-जून)
बाल संरक्षण अधिकारी, एडवोकेट पल्लवी जाधव ने बाल विवाह के मामलों को और कम करने के लिए समुदाय की सतर्कता और मामलों की रिपोर्टिंग पर जोर दिया।
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