नारियल तेल के दाम आसमान पर, त्योहारों से पहले और बढ़ने की आशंका

नारियल तेल के दाम आसमान पर, त्योहारों से पहले और बढ़ने की आशंका

मुंबई : त्योहारी सीजन की आहट के साथ ही रोजमर्रा के उपयोग में आने वाले नारियल तेल की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कैट के राष्ट्रीय मंत्री शंकर ठक्कर के अनुसार, नारियल के उत्पादन में कमी और कच्चे माल (खोपरा) की कीमतों में जबरदस्त उछाल के कारण नारियल तेल के दाम पिछले एक साल में 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़े हैं।

उन्होंने कहा कि गणपति, नवरात्रि जैसे प्रमुख धार्मिक त्योहारों में नारियल और नारियल तेल की मांग में भारी बढ़ोतरी होती है। ऐसे में आने वाले हफ्तों में कीमतों में और भी इजाफा हो सकता है।

ठक्कर ने बताया कि ब्रांडेड कंपनियों से लेकर स्थानीय उत्पादकों तक सभी ने अपने उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी की है। खोपरे की कीमतों में आई 40-50% तेजी ने उत्पादन लागत को काफी प्रभावित किया है। इसके चलते कंपनियों ने नारियल तेल की कीमतों में 30% तक इजाफा किया है।

एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, फिलीपींस से निर्यात होने वाले नारियल तेल की थोक कीमत रोटरडम बाजार में $2,700 प्रति मीट्रिक टन के पार पहुंच गई है, जो कि 2000 से 2020 के औसत मूल्य से लगभग 200% अधिक है। दक्षिण-पूर्व एशिया में खराब मौसम को इसके पीछे की मुख्य वजह बताया गया है, जिसने नारियल उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है।

एफएमसीजी सेक्टर इस वित्तीय वर्ष में ग्रोथ की उम्मीद लगाए बैठा है, लेकिन नारियल तेल की कीमतें उपभोक्ताओं के बजट पर असर डाल सकती हैं। फिलहाल कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, पर खराब मौसम, आपूर्ति संकट या वैश्विक मांग में अचानक वृद्धि जैसी स्थितियों से कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं।

शंकर ठक्कर ने सरकार से नारियल तेल के दाम काबू में लाने के लिए कुछ समय तक आयात पर छूट देने की मांग की है। उन्होंने कहा, "धार्मिक त्योहारों में नारियल की मांग कई गुना बढ़ती है। यदि आयात की अनुमति मिलती है, तो बाजार में संतुलन बना रहेगा और आम उपभोक्ताओं को राहत मिल सकेगी।"

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