बांद्रा लिंक स्क्वेयर मॉल अग्निकांड: बीएमसी जांच में फायर सेफ्टी में गंभीर लापरवाही उजागर, एजेंसी पर कार्रवाई की सिफारिश

बांद्रा लिंक स्क्वेयर मॉल अग्निकांड: बीएमसी जांच में फायर सेफ्टी में गंभीर लापरवाही उजागर, एजेंसी पर कार्रवाई की सिफारिश

मुंबई: बांद्रा वेस्ट स्थित लिंक स्क्वेयर मॉल में 29 अप्रैल को लगी भीषण आग की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) की जांच रिपोर्ट के अनुसार मॉल का अग्निशमन सुरक्षा तंत्र मैनुअल, असक्रिय था और उसमें आवश्यक ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर सिस्टम तक नहीं था। बीएमसी ने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार फायर सेफ्टी एजेंसी पर कार्रवाई की सिफारिश की है।

यह जांच संयुक्त नगर आयुक्त गंगाथरन डी. के नेतृत्व में की गई। टीम ने घटनास्थल का विस्तृत निरीक्षण किया और पाया कि आग लगने की शुरुआत बेसमेंट स्थित एक क्रोमा शोरूम में शॉर्ट सर्किट के कारण हुई थी। आग पर काबू पाने में मुंबई फायर ब्रिगेड (MFB) को पूरे 22 घंटे लग गए। जांच में यह भी देखा गया कि दमकल विभाग की प्रतिक्रिया में संभावित देरी भी आग के फैलाव में योगदान कर सकती है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लाइसेंसधारी फायर सेफ्टी एजेंसियों पर हर छह महीने में सुरक्षा उपकरणों की जांच और रिपोर्ट जमा करने की कानूनी जिम्मेदारी होती है। इस नियम की अनदेखी करने पर एजेंसी पर जुर्माना और छह महीने से तीन साल तक की जेल हो सकती है।

उन्होंने कहा, "यदि एजेंसी ने समय पर मॉल के फायर सिस्टम में खामियां पहचानी होतीं, तो संभवतः इतनी बड़ी तबाही रोकी जा सकती थी।"

गौरतलब है कि इस लेवल-4 श्रेणी की आग में क्रोमा शोरूम, दो टैरेस रेस्टोरेंट्स और 200 से अधिक दुकानों को भारी नुकसान हुआ। घटना के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता ज़ीशान सिद्दीकी ने दमकल विभाग की देरी और तैयारी की कमी को लेकर तीखी आलोचना की थी।

अब सवाल उठ रहा है कि क्या मॉल प्रबंधन और संबंधित एजेंसियों की लापरवाही ने इस त्रासदी को और गंभीर बना दिया? बीएमसी की सिफारिश पर अब कड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।

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