एल्फिंस्टन ब्रिज बंद: मुंबई का 125 साल पुराना पुल चरणबद्ध तरीके से 10 जुलाई तक होगा ध्वस्त, जानिए पूरी जानकारी

मुंबई: मुंबई का ऐतिहासिक एल्फिंस्टन रोड रेल ओवरब्रिज (ROB), जो 125 वर्षों से शहर की विरासत का हिस्सा रहा है, अब जल्द ही इतिहास बन जाएगा। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) ने ब्रिज को चरणबद्ध तरीके से ध्वस्त करने की योजना बनाई है, जिसे 10 जुलाई तक पूरा किया जाएगा। इस पुल की जगह अब एक आधुनिक डबल-डेकर स्ट्रक्चर बनेगा, जो सेवरी-वर्ली एलिवेटेड कनेक्टर परियोजना का हिस्सा है।
25 अप्रैल की रात से पुल पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी जाएगी। इसके बाद पुल के पास की संपर्क सड़कें (रेलवे सेक्शन को छोड़कर) मई के अंत तक तोड़ी जाएंगी। रेलवे लाइनों के ऊपर बने स्टील गर्डर्स को रेलवे ट्रैफिक ब्लॉक्स की उपलब्धता के अनुसार हटाया जाएगा। यह प्रक्रिया 10 जुलाई तक पूरी करने का लक्ष्य है।
ब्रिज को हटाने के लिए भारी मशीनरी जैसे 800 और 500 मीट्रिक टन की क्षमता वाले क्रेन तैनात किए जाएंगे। करीब 16,000 घन मीटर मलबा हटाया जाएगा, जिसमें पोकलेन मशीनों और डंपर्स का उपयोग होगा।
MMRDA के अनुसार, रेलवे को ₹60 करोड़ की 'वे लीव चार्जेस' का भुगतान किया जा रहा है ताकि महाराष्ट्र रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (MRIDC) द्वारा विधिवत तरीके से ध्वस्तीकरण किया जा सके।
इस पुल से फिलहाल प्रभादेवी रेलवे स्टेशन तक सीधा संपर्क है, जिसमें प्लेटफॉर्म 1 और 2 से जुड़ने वाली सीढ़ियां, टिकट काउंटर और ऑटोमैटिक वेंडिंग मशीनें शामिल हैं। रेलवे अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि पुल बंद होने से पहले यात्रियों के लिए वैकल्पिक पहुंच की व्यवस्था और जानकारी प्रदान की जाएगी।
पूर्व से पश्चिम जाने वाले वाहनों के लिए:
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दादर वेस्ट और दादर मार्केट पहुंचने के लिए तिलक ब्रिज का उपयोग करें।
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प्रभादेवी और लोअर परेल के लिए सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक करी रोड ब्रिज का उपयोग करें।
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कोस्टल रोड और सी लिंक के लिए चिंचपोकली ब्रिज का उपयोग करें।
पश्चिम से पूर्व की ओर जाने वाले वाहनों के लिए:
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दादर ईस्ट पहुंचने के लिए तिलक ब्रिज का उपयोग करें।
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टाटा और केईएम अस्पतालों की ओर जाने वाले वाहन दोपहर 3 बजे से रात 11 बजे तक करी रोड ब्रिज का उपयोग करें।
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प्रभादेवी और वर्ली से ट्रैफिक के लिए चिंचपोकली ब्रिज मार्ग रहेगा।
नया ROB दो स्तरों वाला होगा – निचला स्तर स्टेशन से जुड़ा होगा जबकि ऊपरी डेक एक सिग्नल-फ्री कॉरिडोर के रूप में कार्य करेगा। इससे पूर्व-पश्चिम की कनेक्टिविटी और क्षेत्र की यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा।
MMRDA और वेस्टर्न रेलवे मिलकर इस परिवर्तन को यात्रियों के लिए आसान बनाने का प्रयास कर रहे हैं। सभी योजनाओं की अंतिम रूपरेखा जल्द ही घोषित की जाएगी।
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