गर्डर आपूर्ति में देरी के बाद कार्नेक ब्रिज का कार्य फिर शुरू, ठेकेदार पर ₹1.8 करोड़ का जुर्माना

मुंबई, 14 मई: मुंबई के बहुप्रतीक्षित कार्नेक ब्रिज के निर्माण कार्य ने रविवार को एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। यह कार्य लगभग 15 दिनों की देरी के बाद फिर शुरू हुआ है, जिसकी वजह जरूरी स्टील गर्डरों की आपूर्ति में हुई देरी थी। ये गर्डर 30 अप्रैल तक पहुंचने थे, लेकिन वे 10 मई को ही साइट पर आए।
इस देरी को लेकर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने ठेकेदार पर ₹1.8 करोड़ का जुर्माना लगाया है। बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त (परियोजनाएं) अभिजीत बंगार ने बताया, “हमने पिछले निरीक्षण में ठेकेदार को स्पष्ट कर दिया था कि अगर 30 अप्रैल तक गर्डर नहीं आए तो ₹10 लाख प्रतिदिन और 2 मई के बाद ₹20 लाख प्रतिदिन का जुर्माना लगाया जाएगा। 10 मई तक की देरी के कारण कुल ₹1.8 करोड़ का जुर्माना बनता है।”
बावजूद इसके, बीएमसी ने ब्रिज के उद्घाटन की तय तारीख 10 जून को बरकरार रखा है। अधिकारियों ने भरोसा जताया है कि काम समय पर पूरा हो जाएगा और दक्षिण मुंबई के वाहन चालकों को जल्द राहत मिलेगी।
फिलहाल साइट पर 30 स्टील गर्डर लगाए जा रहे हैं, जो ब्रिज के मुख्य ढांचे और अप्रोच रोड का आधार होंगे। बंगार ने बताया कि देरी पूरी तरह से टाली जा सकती थी। “हमने डमन स्थित कार्यशाला में गर्डर निर्माण की निगरानी के लिए अपने इंजीनियरों को तैनात किया था। यह कार्य तकनीकी रूप से बहुत जटिल नहीं है।”
उल्लेखनीय है कि 19वीं सदी में बना पुराना कार्नेक ब्रिज मुंबई के सबसे पुराने रेलपुलों में से एक था, जिसे 2014 की ऑडिट में असुरक्षित घोषित किया गया था। इसके बावजूद ब्रिज को 2022 में जाकर तोड़ा गया। यह पुल पूर्व-पश्चिम दिशा में यातायात को सीधे पी डि’मेलो रोड से जोड़ता था।
नया कार्नेक ब्रिज आधुनिक स्टील सुपर-स्ट्रक्चर के रूप में तैयार हो रहा है, जिसमें चार लेन की सड़क होगी — जो पुराने दो-लेन पुल की तुलना में दोगुनी क्षमता वाला होगा। साथ ही इसमें उन्नत लाइटिंग और साइनेज की भी सुविधा होगी।
इसके खुलने से दक्षिण मुंबई में ट्रैफिक जाम की समस्या में काफी हद तक सुधार आने की उम्मीद है। बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि तय समयसीमा में काम पूरा कर हजारों यात्रियों को राहत पहुंचाई जाएगी।
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