मुंबई : मुंबई में स्कूलों के दोबारा खुलने के बाद एक गंभीर सुरक्षा चुनौती सामने आई है। पिछले दो महीनों में शहर के 11 प्रतिष्ठित स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को बम धमकी भरे ईमेल प्राप्त हुए हैं। इन धमकियों ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है। जांच में सामने आया है कि ये ईमेल विदेशों में स्थित वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क्स (VPNs) के जरिए भेजे गए, जिससे भेजने वाले की पहचान छिपाई जा सके।
मुंबई पुलिस की साइबर सेल और संबंधित थानों की जांच में पाया गया है कि अलग-अलग ईमेल अकाउंट से भेजे गए ये संदेश लगभग एक जैसे हैं। इससे आशंका है कि इन सभी धमकियों के पीछे एक ही व्यक्ति या समूह शामिल हो सकता है। अब तक पांच एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं, लेकिन पुलिस सूत्रों के अनुसार कुल 11 संस्थानों को निशाना बनाया गया है, जिनमें डोंबिवली का एक स्कूल और पवई का एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान भी शामिल हैं।
ईमेल्स में 26/11 मुंबई हमले के आतंकी अजमल कसाब, संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और हैदराबाद गैंगरेप केस का जिक्र किया गया है। इनमें बम धमाकों और RDX जैसे विस्फोटकों के इस्तेमाल की धमकी दी गई है। भेजने वाले ने Hotmail और Outlook जैसे ईमेल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया और नाम बदल-बदल कर कई अकाउंट बनाए, जिनमें "Nakhiran.Gopal" और "Divij Prabhakar Lakshmi" जैसे फर्जी नामों का उपयोग किया गया।
इन धमकियों की चपेट में आने वाले स्कूलों में विले पार्ले, कांदिवली, गोवंडी, समता नगर, डोंबिवली और पवई स्थित इंटरनेशनल स्कूल शामिल हैं। हाल ही में गोवंडी और कांदिवली के स्कूलों को एक सप्ताह के भीतर धमकी भरे ईमेल प्राप्त हुए। 24 जून को सुबह 4:30 बजे विले पार्ले के एक स्कूल की आधिकारिक ईमेल आईडी पर धमकी भरा मेल मिला, जिसे स्कूल स्टाफ ने देख कर तत्काल सुरक्षा टीम को सूचित किया। सुरक्षा प्रमुख संजय टोंपी द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना देने के बाद पुलिस ने स्कूल की गहन तलाशी ली, लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। मामला विले पार्ले पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया।
प्रारंभिक जांच से यह संकेत मिले हैं कि इन धमकियों के पीछे कोई वास्तविक आतंकी मंशा नहीं बल्कि शरारत या दहशत फैलाने की नीयत हो सकती है। पुलिस ने सभी अभिभावकों और छात्रों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और घबराएं नहीं।
मुंबई पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर विशेषज्ञों की मदद ली है और विदेशी वीपीएन के माध्यम से भेजे गए ईमेल की जानकारी जुटाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। साथ ही स्कूलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
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