10 साल बाद भी अधर में लटका कुरला स्टेशन का एलिवेटेड प्रोजेक्ट, यात्रियों की मुश्किलें जारी

मुंबई, महाराष्ट्र: मुंबई के कुरला रेलवे स्टेशन पर प्रस्तावित एलिवेटेड स्टेशन और ब्रिज का काम 10 साल बाद भी अधूरा पड़ा है। यह परियोजना 2017 में ₹125 करोड़ की लागत से शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य हार्बर लाइन के लिए एक अलग एलिवेटेड प्लेटफॉर्म तैयार करना था ताकि मुख्य लाइन और एक्सप्रेस ट्रेनों को अलग किया जा सके।
प्रमुख समस्याएं:
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भूमि अधिग्रहण में देरी: पहले चरण के लिए कुल 10,060.99 वर्ग मीटर भूमि चाहिए, जिसमें से 3639.34 वर्ग मीटर सरकारी और 6421.65 वर्ग मीटर निजी है। अब तक केवल 2656 वर्ग मीटर जमीन ही अधिग्रहित हुई है।
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स्टेशन की दुर्दशा: अधूरे फुटओवरब्रिज, खराब एक्सेस और अधर में लटकी संरचनाओं ने यात्रियों को बेहद असुविधा में डाल दिया है।
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अधूरी ब्रिज संरचनाएं: पुराने ब्रिजों को आंशिक रूप से तोड़ दिया गया है और उन्हें नए अधूरे ब्रिज से जोड़ा गया है, जिससे स्टेशन पर अराजक स्थिति बन गई है।
नागरिकों की नाराज़गी:
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यात्रियों और परिवहन कार्यकर्ताओं ने इसे "कुशलता की पराकाष्ठा" बताया है। उनका कहना है कि रेलवे और संबंधित प्राधिकरणों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
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"कोई राजनीतिक या न्यायिक दबाव क्यों नहीं डाला गया? अगर ज़मीन रेलवे की थी तो अतिक्रमण कैसे हुआ?" – जितेन्द्र गुप्ता, सिटिज़न्स ट्रांसपोर्ट फोरम।
रेलवे की प्रतिक्रिया:
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण तेज़ी से किया जा रहा है और स्थानीय प्रशासन के साथ लगातार बातचीत जारी है।
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